नानावती अस्पताल में शिफ्ट किए गए कोरोना पॉजिटिव कवि वरवरा राव
मुंबई। एल्गार परिषद-माओवादियों से संबंध होने के मामले में आरोपी और जेल में बंद कवि व कार्यकर्ता वरवरा राव कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें मुंबई के नानावती अस्पताल में शनिवार देर रात शिफ्ट किया गया है। उन्हें न्यूरोलॉजी और यूरोलॉजी से जुड़े इलाज के लिए वहां शिफ्ट किया गया है। 80 वर्षीय राव को गुरुवार को दक्षिण मुंबई के राजकीय सेंट जॉर्ज अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां वे कोरोनोवायरस पॉजिटिव पाए गए थे। राव (80) पिछले करीब दो साल से जेल में बंद हैं। उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है।
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अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई, लेकिन उन्हें न्यूरोलॉजिकल दिक्कत होने के बाद नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट डॉक्टर आकाश खोबरागड़े के अनुसार वरवर राव को शनिवार देर रात करीब 1 बजे नानावती अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि राव को कोविड-19 से जुड़ी अधिक परेशानी नहीं हुई है।
अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित जे.जे अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट ने उनका चेकअप किया, जिसके बात पता चला है कि वह डेलीरियम बीमारी से पीड़ित हैं। डेलीरियम मन की एक गंभीर रूप से परेशान अवस्था है। इसमें इंसान को बेचैनी, भ्रम और असंयमता होनी लगती है। यही नहीं इसमें बुखार, और डिसऑर्डर जैसी समस्या भी देखी जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें प्राइवेट नानावटी अस्पताल में शिफ्ट गया है।
वहीं जॉर्ज अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि कोविड -19 के इलाज के दौरान वरवरा की छाती का एक्स रे और इसीजी ठीक थी। इसके साथ ही उनका सिटी स्कैन भी कराया गया था। निजी अस्पताल में वरवर राव को भर्ती कराए जाने का निर्णय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से महाराष्ट्र सरकार को दिए गए नोटिस के बाद आया है, जिसमें उसने राव के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने को कहा था। इसके अलावा इतिहासकार रोमिला थापर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र सरकार और एनआईए को पत्र लिखकर अपील की थी कि कवि वरवरा राव को जेल से जेजे अस्पताल में शिफ्ट किया जाए।
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