कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार पड़ी धीमी, पिछले 7 दिनों में दिखी बड़ी गिरावट
नई दिल्ली,मई 20: देश में भयानक रूप ले चुकी कोरोना महामारी के बीच जारी वैक्सीनेशन की रफ्तार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले सात दिनों में देश में टीकाकरण की रफ्तार में खासी कमी देखने को मिली है। यह गिरावट गुरुवार को सबसे अधिक देखी गई। वहीं देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, एक दिन पहले सिर्फ 11.66 लाख लोगों ने कोरोना की वैक्सीन ली है। यह आंकड़ा तब और चिंताओं के बढ़ा देते है जब एक्सपर्ट्स तीसरी लहर की बात कर रहे हैं।
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दूसरी लहर में 14 मार्च के बाद एक दिन में वैक्सीनेशन का सबसे नीचला स्तर है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में टीकाकरण (दोनों खुराक) की रफ्तार में पिछले एक महीने में 50.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। 19 अप्रैल वको देश भर में कुल 3,065,254 से अधिक खुराक दी गई। लगभग एक महीने बाद, 17 मई (सोमवार) को यह घटकर 1,505,750 हो गई। दुनिया में वैक्सीन निर्माण का केंद्र होने के बावजूद, भारत अपनी कुल आबादी के 3 प्रतिशत से भी कम को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर पाया है।
इसके पीछे की मुख्य वजह केंद्र सरकार ने पिछले साल शॉट के लिए पर्याप्त आदेश नहीं दिए थे। भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जिसने अपने सभी नागरिकों के लिए वैक्सीन को मुफ्त नहीं किया है। इसी बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले महीने अचानक अधिकांश बोझ राज्यों पर डाल दिया। भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश बन गया है जहां केंद्र सरकार अपनी जरूरत के सभी टीकों की खरीद नहीं कर रही है।
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केंद्र सरकार के गलत कदम ने भरोसेमंद वैक्सीन पावरहाउस के रूप में भारत की विश्वसनीयता को भी चोट पहुंचाई है क्योंकि वैक्सीन कमी ने सरकार को गरीब देशों को छोड़कर निर्यात पर रोक लगा दी। जिसके चलते भारत निर्मित टीकों पर भरोसा कर रहे देशों को धक्का लगा है। जिसके विपक्ष और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी आलोचना की है। यही नहीं भारत के राज्य खुद इस समय वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं।