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कोरोना वैक्सीन का असर: सच क्या है, अफ़वाह क्या है

कोरोना वैक्सीन लेने के बाद उसके असर को लेकर तमाम तरह की बातों का सच एक्सपर्ट से जानिए.

By BBC News हिन्दी
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कोविड संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे अहम माना जा रहा है. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन के दो डोज़ लेना है. दोनों डोज़ के बीच के समय को हाल में बढ़ाया भी गया है.

अब तक भारत में 22 करोड़ वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है. लेकिन इसको लेकर कई तरह की भ्रांतियां अभी भी लोगों में देखने को मिल रही है.

ऐसे में हमने दिल्ली एनसीआर स्थिति मेदांता हॉस्पीटल के सीनियर वॉयरलॉजिस्ट डॉक्टर यतीन मेहता और पीपल्स हेल्थ आर्गेनाइजेशन के सचिव सीनियर वॉयरलॉजिस्ट ईश्वर गिडाला से बात करके इन भ्रांतियों की वजह और उसके जवाब तलाशे हैं.

इन लोगों ने अपने अनुभव के आधार पर सलाह दी है लेकिन वैक्सीन लेने और लेने के बाद की स्थितियों पर हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श लें.

वैक्सीन लेने से आप नपुंसक हो जाएंगे?

यतीन मेहता- यह बिलकुल ग़लत बात है. कोरोना वैक्सीन वायरस को इंफर्टाइल बनाता है, इंसानों को नहीं.

ईश्वर गिडाला- ऐसी अफ़वाहें हर तरह के वैक्सीन आने के समय उड़ती हैं और पिछले मौकों पर हमने देखा है कि वह ग़लत साबित हुई हैं. इसी तरह से कोरोना वैक्सीन को लेकर भी लोग अनर्गल बातें बना रहे हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

गर्भवती महिलाओं का गर्भ गिर सकता है?

गर्भवती महिलाओं को अभी भारत में वैक्सीन नहीं दी जा रही है. लेकिन ऐसी आशंका लोग अभी से जता रहे हैं.

यतीन मेहता- अभी तक गर्भवती महिलाओं के लिए भारत में वैक्सीनेशन को अप्रूवल नहीं मिला है. इसकी वजह यही है कि इन महिलाओं पर वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. हालांकि नवजात शिशु वाली महिलाओं के लिए इसे लेने में कोई मुश्किल नहीं है.

ईश्वर गिडाला- अब तक के अध्ययन से यही बात सामने आयी है कि कोविड वैक्सीन का प्रेगनेंसी पर कोई असर नहीं होता है. अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में गर्भवती महिलाएं वैक्सीन ले रही हैं. ऐसे में भारत में गर्भवती महिलाओं के लिए भी आने वाले दिनों में वैक्सीन लेने की अनुमति मिल जाएगी.

अगर गर्भवती महिलाओं के लिए भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिल जाए तो भी अपने चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद ही इसे लें.

Coronavirus bacteria
Cavan Images/Getty Images
Coronavirus bacteria

कोविड वैक्सीन लेने के बाद भी कोविड संक्रमण हो सकता है?

यतीन मेहता- कोविड संक्रमण का असर कई बार 14 दिनों के बाद पता चलता है, तो हो यह रहा है कि कोविड वैक्सीन लेने से पहले आप संक्रमित हो गए हों तो फिर वैक्सीन लेने के बाद भी आप संक्रमित हो जाएंगे. क्योंकि वैक्सीनेशन के बाद एंटीबॉडी तैयार होने में समय लगता है.

दो सप्ताह के बाद ही यह हो पाता है. वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित होने का ख़तरा रहता है लेकिन वैक्सीन से शरीर वायरस के ख़िलाफ़ बेहतर ढंग से मुक़ाबला कर सकता है. यह काफ़ी हद तक आपकी अपनी शारीरिक स्थिति पर भी निर्भर करता है.

ईश्वर गिडाला- इसे ब्रेकथ्रू इंफेक्शन बोलते हैं, ज़्यादातर मामलों में यह दिखा है कि वैक्सीन लेने से पहले ही आप संक्रमित हो चुके थे. यह भी संभव है कि वैक्सीन लेने के दौरान आने जाने या वैक्सीन लेने की प्रक्रिया के दौरान आप संक्रमित हो जाएं. लेकिन वैक्सीनेशन आपको कोरोना से बचाता है. वैक्सीन से प्रतिरोधी क्षमता बेहतर होती है और रिसर्चों से यह ज़ाहिर हुआ है कि वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण उतना घातक प्रभाव नहीं डालता.

कोरोना टीकाकरण
Getty Images
कोरोना टीकाकरण

कोविड वैक्सीन लेने के बाद ब्लड क्लॉटिंग और हृदय रोग संबंधी मुश्किलें शुरू हो सकती हैं?

यतीन मेहता- वैक्सीनेशन के बाद ब्लड क्लॉटिंग हो सकता है, लेकिन भारत में इसके मामले काफ़ी कम देखने को मिले हैं. बेहद कम. यूरोप के स्कैंडवियन देशों में बुजुर्गों में यह समस्या ज़्यादा देखी गई है. लेकिन हमारी यहां यह बहुत रेयर केसेज में सामने आया है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक कमिटी एईएफ़आई (एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन) ने पिछले दिनों अध्ययन में पाया है कि भारत में प्रति दस लाख में 0.61 प्रतिशत लोगों में क्लॉटिंग की समस्या आयी थी.

हृदय संबंधी रोगों में भी पहले से कोमॉर्बिडिटी रही है, इसलिए कोमॉर्बिडिटी होने पर चिकित्सक की सलाह से ही वैक्सीन लें.

ईश्वर गिडाला- इंसानों के शरीर में अगर पानी भी दवा के रूप में दिया जाए तो उसका भी साइड इफे़क्ट्स होता है, इसलिए वैक्सीन का भी थोड़ा बहुत साइड इफेक्ट्स होता है. ब्लड क्लॉटिंग के मामले प्रति दस लाख में गिनती या कहें एक से भी कम मिले. हृदय संबंधी रोगों में भी पहले से समस्याएं देखने को मिली हैं.

क्या भारतीय कोविड वैक्सीनों में सुअर की चमड़ी का इस्तेमाल किया गया है?

यतीन मेहता- इसमें किसी तरह का कोई तथ्य नहीं है.

ईश्वर गिडाला- देखिए ये अफ़वाह भी धर्म विशेष के लोगों को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से दूर रखने के लिए फैलाई जाती है, इसमें कभी कोई सच्चाई नहीं निकली है. कोविशील्ड में चिम्पैंजी के एंटीवायरस का इस्तेमाल ज़रूर किया गया है.

कोविड वैक्सीन लेने के बाद आप मांस मछली खा सकते हैं या नहीं?

यतीन महेता- एकदम खा सकते हैं.

ईश्वर गिडाला- वैक्सीन लेने के बाद आप बड़ी पार्टी कर सकते हैं, जो चाहें खा सकते हैं.

कोविड वैक्सीन लेने के बाद आप अल्कोहल का सेवन कर सकते हैं या नहीं?

यतीन मेहता- कोविड वैक्सीन लेने के बाद कम से कम कुछ दिन ठहरना चाहिए. कुछ दिनों तक परहेज करना चाहिए.

ईश्वर गिडाला- 12 घंटे बाद ले सकते हैं. आप यह देख लें कि वैक्सीन लेने के बाद आपकी शरीर पर क्या असर है, क्योंकि फॉरेन बॉडी के प्रवेश के बाद कई तरह के असर देखने को मिलते हैं. अगर सब कुछ सामान्य है तो 12 घंटे बाद ले सकते हैं.

कोविड वैक्सीन में माइक्रोचिप्स का इस्तेमाल किया गया है?

यतीन मेहता- वैक्सीन अलग अलग तरह की हैं, अलग अलग वायल होते हैं, सब में चिप्स? लिक्विड में चिप्स कैसे डाल सकता है कोई? बेकार की बातें हैं.

ईश्वर गिडाला- वैक्सीन एक तो लिक्वड है और दूसरा उसे पतले सिरींज में शरीर में डालते हैं, तो चिप्स कैसे सिरींज से शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है.

कोविड वैक्सीन लेने पर जांच कराने पर आपको कोविड हो सकता है?

यतीन महेता- वैक्सीन लेने से कोविड-19 होने का ख़तरा नहीं है. वैक्सीन लेने से पहले अगर आप कोविड की चपेट में हों तो वह टेस्ट में पकड़ आ सकता है.

ईश्वर गिडाला- वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों ने शिकायत की है कि एंटीबॉडी नहीं बनी है. लखनऊ में एक शख़्स ने तो कोर्ट में मुक़दमा भी कर दिया. लेकिन यहां समझने की जरूरत है कि एंटीबॉडी कई तरह की होती है- आईएम जी, आईएमएम. अमूमन जो टेस्ट होता है वह आईएमजी का होता है. जो एंटीबॉडी वैक्सीन से बने ज़रूरी नहीं है. आईएमएम टेस्ट महंगे होते हैं.

कोरोना
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युवाओं और बच्चों को कोविड वैक्सीन की ज़रूरत नहीं है?

यतीन मेहता- बच्चों के लिए हमारे यहां अभी वैक्सीनेशन को अप्रूवल नहीं मिला है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने 13 मई को दो से 18 साल के बच्चों और युवाओं के लिए बायोटेक की कोवैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दे दी है. अमेरिकी सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की मंजूरी दे दी है. आने वाले दिनों में भारत में भी अप्रूवल मिल जाएगा.

दूसरे चरण में हमलोगों ने युवाओं में संक्रमण के मामले ज़्यादा देखे हैं, हालांकि ज़्यादातर युवाओं में माइल्ड इंफेक्शन दिखा है लेकिन गंभीर मामले भी युवाओं में सामने आए हैं. यह भी देखना होगा कि युवा के तौर पर वे कामकाजी वर्ग है जो भाग दौड़ कर रहा है, घरों से निकल कर काम धंधे पर जा रहा है, अगर वह संक्रमित होता है तो इस बात की आशंका ज़्यादा है कि वह अपने साथ कईयों को संक्रमित करेगा, इसलिए उनको सुरक्षित रखने के लिए उनका वैक्सीन लेना भी उतना ही ज़रूरी है.

ईश्वर गिडाला- युवाओं के लिए वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और बच्चों के लिए भी अनुमति जल्दी आ जाएगी. वैक्सीन हर किसी के लिए ज़रूरी है. आप कुछ लोगों को देते हैं और कुछ लोगों को छोड़ देते हैं तो वायरस संक्रमण का ख़तरा तो बना रहेगा.

मासिक के समय में महिलाओं को वैक्सीन लेनी चाहिए या नहीं?

यतीन मेहता- हां, ले सकते हैं, क्योंकि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है.

ईश्वर गिडाला- वैक्सीन लेने का कोई असर महिलाओं के पीरियड पर नहीं होता है, इसलिए महिलाएं मासिक के दौरान भी वैक्सीन ले सकती हैं.

कोविड होने के बाद आपको वैक्सीन लेने की ज़रूरत नहीं है?

यतीन मेहता- यह पूरी तरह से सही नहीं है. कोविड से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी कुछ महीने रहेगी, इसलिए वैक्सीन तो लेना ही चाहिए लेकिन दो-तीन महीने के बाद ले सकते हैं.

ईश्वर गिडाला- कोविड से ठीक होने के बाद तुरंत में वैक्सीन की ज़रूरत नहीं होती. हमलोगों ने जुलाई, 2020 से मुंबई में हर महीने 150 मरीजों के करीब का अध्ययन किया है, दस महीनों के अध्ययन से यह ज़ाहिर हो रहा है कि जिनको दोबारा कोविड हो रहा है वह आठ दस महीने के बाद ही हो रहा है. जिन लोगों को 15-20 दिन में दोबारा कोविड होने की शिकायत मिली है, वह भी ग़लत नहीं हैं, क्योंकि ऐसे मामलों में यह हो रहा है कि वे पूरी तरह से कोविड से ठीक नहीं हुए होते हैं और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, लेकिन ऐसे मामले बेहद कम होंगे.

कोविड से ठीक होने के बाद वैक्सीन कितने दिन बाद लें, इसका अंतिम फ़ैसला अपने चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद ही करें.

फ्लू वैक्सीन कोविड से बचाव करते हैं या नहीं?

यतीन मेहता- कोई भी फ़्लू वैक्सीन कोविड से बचाव नहीं करती.

ईश्वर गिडाला- अभी तो फ़्लू वैक्सीन कोविड के लिए कारगर नहीं है.

कोविड वैक्सीन के बाद मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ज़रूरी है?

यतीन मेहता- वैक्सीन लेने के बाद भी आपको कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी एहतियातों का पालन करना चाहिए. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के इस्तेमाल से ही आप स्प्रेडर बनने से बच सकते हैं.

ईश्वर गिडाला- वैक्सीन लेने के बाद भी आपको सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना चाहिए. इसकी अहम वजह तो यही है कि आप कोरोना वायरस के करियर हो सकते हैं. मतलब किसी संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण लेकर आप किसी तीसरे को दे सकते हैं. आपको तो कोरोना नहीं होगा लेकिन आप इसके वाहक हो सकते हैं. इसके अलावा अलग अलग स्ट्रेन के वायरस सामने आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में एहतियात बरतते रहना चाहिए.

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English summary
coronavirus misconceptions regarding covid vaccine in people know facts
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