केंद्र ने 5000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद को दी मंजूरी, कहा- राज्य SDRF फंड का उपयोग करें
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद समेत के कई बड़े शहरों से दूसरे राज्यों के मजदूरों का बड़े पैमाने पर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। हजारों लोग इस समय सड़कों पर हैं। अब केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के चौथे दिन गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे इन प्रवासी मजदूरों समेत बेघर लोगों के खाने-पीने, ठहरने, कपड़े इलाज आदि का पुख्ता इंतजाम करें। इसके लिए केंद्र सरकार ने अतरिक्त राशि भी जारी की है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल बाढ़, भूस्खलन, तूफान और सूखे के कारण प्रभावित हुए आठ राज्यों के लिए सहायता के रूप में अतिरिक्त 5,751.27 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इन आठ राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, बिहार, नगालैंड, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक शामिल हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने 2019 के दौरान बाढ़, भूस्खलन और चक्रवाती तूफान 'बुलबुल से प्रभावित आठ राज्यों और 2018-19 के सूखे के लिए कर्नाटक को अतिरिक्त केन्द्रीय मदद के रूप में 5,751.27 करोड़ रुपए की मंजूरी दी।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि एसडीआरफ फंड के पैसों से लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों समेत सभी बेघर लोग जो रिलीफ कैंपों में हैं, के लिए अस्थायी तौर पर ठहरने, रहने, खाने, कपड़े, दवा, इलाज आदि का अस्थायी इंतजाम करें। केंद्र ने राज्यों से इसके लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड के लिए आवंटित की गई रकम का इस्तेमाल करने को कहा है।
गृह मंत्रालय में जॉाइंट सेक्रटरी पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय ने सभी राज्यों से रिलीफ कैंप बनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया, 'हमने प्रवासी मजदूरों के खाने और पानी की व्यवस्था के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से रिलीफ कैंप बनाने का अनुरोध किया है।' उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इन इंतजामों को लेकर वॉलंटियर्स, एनजीओ वगैरह के जरिए जागरूकता भी फैलानी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि, हमने डॉक्टरों के लिए आज एक #COVID19 राष्ट्रीय टेलीकल्चर सेंटर खोला है। जो डॉक्टर वायरस से पीड़ित लोगों का इलाज कर रहे हैं वे किसी भी मरीज के इलाज के बारे में परामर्श के लिए अन्य डॉक्टरों से संपर्क कर सकें। इसका हेल्पलाइन नंबर 9115444155 है। हमने टेलीमेडिसिन के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। जो लोग अस्पतालों में नहीं जा सकते हैं, लेकिन वे जो दवा ले रहे हैं या किसी अन्य चिकित्सा समस्या के बारे में सलाह की जरूरत है, वे डॉक्टरों से टेलीफोनिक सलाह ले सकते हैं।
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