कोरोना संकट: जर्मनी से आएंगे 23 मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, वायुसेना करेगी एयरलिफ्ट
नई दिल्ली, 23 अप्रैल: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश के अस्पतालों को ऑक्सीजन की काफी कमी का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने जर्मनी से ऑक्सीजन के आयात का फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि भारतीय वायुसेना जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट एयरलिप्ट करेगी। इन 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स को सेना के अस्पताल में लगाया जाएगा। जहां से कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी।
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रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने शुक्रवार को बताया है कि प्रत्येक मोबाइल प्लांट की क्षमता 40 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट और 2400 लीटर ऑक्सीजन प्रति घंटा उत्पादन करने की है। इन प्लांट की स्थापना कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने वाले आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस के अस्पतालों में की जाएगी, जिससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। इन ऑक्सीजन प्लांट के हफ्ते में भारत पहुंचने की उम्मीद है।
देश में भी ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है। एयरफोर्स ऑक्सीजन कंटेनर्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा रही है ताकि कम समय में अस्पतालों पर ऑक्सीजन पहुंच सके। वायुसेना की ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई को पूरा करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑपरेशन शुरू किए गए हैं।
मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में ऑक्सीजन की कमी पर पीएम मोदी ने दिया जवाब, जानिए क्या कहा
पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में भी ऑक्सीजन रही मुद्दा
देश में कोरोना महामारी और ऑक्सीजन संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है। बैठक में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर आ रही दिक्कत और कोरोना में काम आने वाली दवाओं की कमी को लेकर विशेष तौर पर बात हुई। पीएम मोदी ने इस दौरान बताया कि ऑक्सीजन पहुंचने में देरी ना हो, इसके लिए सभी मुमकिन कोशिशें की जा रही हैं। वायुसेना को इस काम के लिए उतार दिया गया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ऑक्सीजन टैंकरों को रास्तों में कम समय लगे, इसके लिए सभी विकल्पों पर काम कर रही है।