कांग्रेस शासित राज्यों में CAA और NRC के खिलाफ उठाया जाएगा ये बड़ा कदम
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नई दिल्ली। कांग्रेस शासित राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए जाने की तैयारी है। सीएए के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब कांग्रेस शासित राज्यों में भी इसकी तैयारी है। कांग्रेस शासित प्रदेशों की सरकारें भी अपने राज्यों की विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजेंगी।
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असम के बाद कांग्रेस शासित राज्यों में उटाया जाएगा ये कदम
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी CAA और NRC के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। शनिवार को इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई, जिसमें मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए गए। वहीं सीएए को वापस लेने और एनआरसी की प्रक्रिया को रोकने की मांग की गई। वहीं कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि एनपीआर राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) का छिपा हुआ रूप है।
TDP ने छोड़ा सरकार का साथ
वहीं मोदी सरकार को भी नागरिकता संशोधन विधेयक झटका लगा है। संसद में मोदी सरकार का समर्थन करने वाली तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) ने अब सीएए पर यूटर्न ले लिया है। टीडीपी ने सीएए को मुसलमानों के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा है कि जब तक देश के मुस्लिमों को भरोसे में नहीं लिया जाता वो सीएए का विरोध करेंगे।
धर्म के आधार पर लोगों को बांटता है CAA-सोनिया
सीडब्लूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि CAA भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून है, जिसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है। उन्होंने जेएनयू और अन्य जगहों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले की घटनाओं की जांच के लिए विशेषाधिकार आयोग का गठन किया जाए।
Sources: Congress ruled state governments will pass resolution against #CitizenshipAmendmentAct and #NationalRegisterofCitizens, in their respective assemblies.
— ANI (@ANI) January 11, 2020