लक्षद्वीप में कांग्रेस सांसदों को रोके जाने के खिलाफ जाएंगे हाईकोर्ट, संसद में भी उठेगा मुद्दा- टीएन प्रतापन
लक्षद्वीप, जुलाई 4। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में कांग्रेस सांसदों की एंट्री पर रोक लगाने के फरमान को लेकर वहां का स्थानीय प्रशासन अब विवादों में घिर गया है। स्थानीय प्रशासन के इस फरमान के खिलाफ कांग्रेस ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है। कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगर कांग्रेस के सांसद लक्षद्वीप का दौरा करेंगे तो वहां की कानून व्यवस्था खराब हो सकती है, हम पूछते हैं कि कैसे?
संसद में भी उठाएंगे लक्षद्वीप का मुद्दा- टीएन प्रतापन
टीएन प्रतापन ने कहा कि नागरिकों से बातचीत करना आखिर लॉ एंड ऑर्डर का कैसे मुद्दा हो सकता है? टीएन प्रतापन ने आगे कहा कि हम प्रशासन के सामने अपील कर रहे हैं कि हमें लक्षद्वीप में जाने से ना रोका जाए, अगर फिर भी ऐसा किया गया तो हम हाईकोर्ट का रूख करेंगे। इसके अलावा संसद में भी लक्षद्वीप का मुद्दा उठाएंगे।
कांग्रेस सांसदों को लक्षद्वीप जाने की नहीं मिली थी परमिशन
आपको बता दें कि शनिवार को कांग्रेस सांसद हिबी ईडन, टीएन प्रथापन, सीआर राकेश शर्मा ने लक्षद्वीप प्रशासन ने वहां जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन लक्षद्वीप प्रशासन ने कांग्रेस सांसदों के इस दल अनुमति नहीं दी थी। प्रशासन ने ये कहते हुए अनुमति नहीं दी थी कि एक पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, ये हिंसक आंदोलन को भड़का सकता है, जो शांत माहौल को बिगाड़ने के लिए नियोजित प्रयास का हिस्सा है।
लक्षद्वीप में क्यों माहौल है खराब?
दरअसल, लक्षद्वीप में जब से प्रफुल्ल पटेल को प्रशासक के रूप में पद्भार दिया गया है, तभी से वहां का माहौल तनावपूर्ण बन हुआ है। उन्होंने प्रशासक के रूप में कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनका वहां की स्थानीय जनता विरोध कर रही है। उनके कामकाज की शैली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। प्रफुल्ल पटेल ने लक्षद्वीप आने वाले पर्यटकों के लिए कोविड नियमों में ढिलाई दी थी। इसको लेकर भी विवाद हुआ था। इसके अलावा उन्होंने बीफ उत्पादों के लाने-ले जाने बिक्री खरीद पर प्रतिबंध की घोषणा, और शराब पर प्रतिबंध हटाया जो लक्षद्वीप के लोगों को पसंद नहीं आया।
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