क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

'आज तो सलाह देना भी गुनाह है'......राहुल-प्रियंका पर 'बहुत कुछ' बोल गए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

Google Oneindia News

जम्मू, 5 दिसंबर: कांग्रेस के जी 23 नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने बिना नाम लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आज पार्टी का माहौल कुछ ऐसा हो चुका है कि कोई सुझाव देना भी अपराध या विद्रोह समझ लिया जाता है। हालांकि, उन्होंने सोनिया गांधी के साथ आज भी बेहतर ताल्लुकात होने की बात कही है। लेकिन, यह भी कहा है कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी कार्यकर्ताओं की बातों को सुनते थे, लेकिन नई पीढ़ी के सामने सलाह देना भी गुनाह मान लिया जाता है।

हमारी कमजोरी का फायदा बीजेपी को मिलता है- आजाद

हमारी कमजोरी का फायदा बीजेपी को मिलता है- आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के रवैए को लेकर बहुत बड़ा सियासी बम फोड़ा है। न्यूज18 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कांग्रेस की मौजूदा अंदरूनी परिस्थियों को लेकर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि इसी के चलते बीजेपी मजबूत होती जा रही है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन इशारों में ही उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी लीडरशिप की नई पीढ़ी के सामने विचार रखना भी गुनाह समझा जाता है या आपको विद्रोही करार दे दिया जाता है। उन्होंने कहा है कि 'आज हमारे यहां एक सत्ताधारी दल है और एक कमजोर विपक्ष। इसलिए हमारी कमजोरी का बीजेपी को फायदा मिलता है। '

'सलाह को अपराध या विद्रोह की तरह देखा जाता है'

'सलाह को अपराध या विद्रोह की तरह देखा जाता है'

उन्होंने कहा है कि अगर कोई वरिष्ठ नेता कोई सुझाव दे रहा है तो उसे चुनौती नहीं समझना चाहिए। उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में कहा कि 'हमारे संबंध बहुत अच्छे रहे हैं, हमने कभी भी श्रीमती गांधी की लीडरशिप को चुनौती नहीं दी है।' इसके बाद उन्होंने बिना किसी का नाम लिए अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा, ' लेकिन, अब नई पीढ़ी की अपनी समस्या है.........पिछली पीढ़ी में हमें इंदिरा गांधी के साथ काम करने की आदत थी, फिर राजीव गांधी के साथ काम किया.....उस समय अगर कोई व्यक्ति या कोई कार्यकर्ता कोई सलाह देता तो तब वो उसे माइंड नहीं करते......।' वो बोले- 'कांग्रेस की मौजूदा पीढ़ी सुझाव को लेकर खुला हुआ नहीं है। अगर कोई वरिष्ठ नेता कोई सलाह देता है, तो इसे अपराध या विद्रोह की तरह देखा जाता है।'

इसे भी पढ़ें- भूपेश बघेल ने ममता बनर्जी के तंज पर किया पलटवार, बोले- कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी गठबंधन संभव ही नहींइसे भी पढ़ें- भूपेश बघेल ने ममता बनर्जी के तंज पर किया पलटवार, बोले- कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी गठबंधन संभव ही नहीं

'अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल सीमा ही नहीं रही'

'अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल सीमा ही नहीं रही'

राज्यसभा के पूर्व नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उस जी23 के सदस्य माने जाते हैं, जिसका नाम पिछले साल सोनिया गांधी को सुझावों से भरा खत भेजने के मीडिया की ओर से रख दिया गया था। उस चिट्ठी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लगातार हो रही हार को लेकर आत्मचिंतन करने और पार्टी की नियुक्ति प्रक्रिया को लोकतांत्रिक बनाने की मांग की थी। यही नहीं इसमें पार्टी अध्यक्ष के चुनाव कराने की बात भी रखी गई थी। लेकिन, उसे अभी तक किसी ना किसी बहाने से टाला ही जाता रहा है। आजाद बोले कि 'तब बहुत दुख होता है, जब हमारी सलाह पर ध्यान नहीं दिया जाता। हम तो पार्टी की बेहतरी के लिए सुझाव देते हैं।' उन्होंने पार्टी की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया कि 'कुछ दशक पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष हर साल बदलता था, फिर ऐसा समय आया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष दो साल के लिए होगा.....फिर समय आया पांच वर्ष रहेगा...अब तो समय की कोई सीमा ही नहीं है....'

Comments
English summary
Congress leader Ghulam Nabi Azad has questioned the next generation of Congress leadership that they consider the suggestion as a offence and rebellion
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X