सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोले-कोरोना महामारी ऐसी थी मानो आसमान गिरा हो
नागपुर। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने नागपुर में शनिवार को देश के पहले न्याय कौशल केंद्र का उद्घाटन किया। देश में न्यायिक व्यवस्था को तेज गति देने के लिए ई-संसाधन केंद्र न्याय कौशल बनाया गया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, कोविड-19 वैश्विक महामारी ने अदालतों में सामान्य भौतिक सुनवाई के लिए बड़ी चुनौती खड़ी की है और इसके विकल्प में वर्चुअल सुनवाई एक उचित समाधान नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि इसने लोगों को दो वर्गों में बांट दिया है, जिनकी तकनीक तक पहुंच है और जिनकी नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत गर्व के साथ यह कह रहा हूं कि हमने इस बात को सुनिश्चित करने में सफलता पाई है कि कानून का शासन बना रहे। उन्होंने कहा कि किसी को भी विश्वास नहीं था कि चार सप्ताह में एक विशाल कार्य पूरा किया जा सकता है। न्याय कौशल के जरिए अब लोग कहीं से भी याचिका ऑनलाइन डाल सकते हैं। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, भूषण गवई, और बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता आदि भी मौजूद थे।
न्याय कौशल केंद्र के माध्यम से अब सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला कोर्ट में ऑनलाइन माध्यम से याचिका दाखिल की जा सकेगी। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने हमें नई और पुरानी व्यवस्थाओं के संयोजन के साथ काम के एक नए माहौल के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया है। उन्होंने कहा, किभी को भी विश्वास नहीं था कि 4 हफ्ते की अवधि में एक विशाल कार्य पूरा किया जा सकता है। न्याय कौशल के जरिए अब लोग कहीं से भी याचिका ऑनलाइन डाल सकते हैं।
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