चिराग का बड़ा बयान- फैसले से पहले अमित शाह से मिला लेकिन वे चुप रहे, कहा- नीतीश ने किया पिता का अपमान
नई दिल्ली। बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण बन चुकी लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अलग चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। लोजपा नेता ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले को लेकर भाजपा नेतृत्व से चर्चा की थी। इसमें खास तौर से गृह मंत्री और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात का जिक्र करते हुए चिराग ने कहा कि उन्होंने शाह से अपनी योजना के बारे में बताया था लेकिन गृहमंत्री ने कुछ नहीं कहा और वे चुप रहे।
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अमित शाह चुपचाप सुनते रहे- चिराग
अपने पिता और लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद शोक में डूबे चिराग पासवान ने एनडीटीवी को बताया कि उनके पिता ने ही प्रेरित किया कि वे चुनाव में अकेले जाएं। उन्होंने ही कहा था कि बिहार चुनाव में अकेले जाने से पार्टी मजबूत होगी और इसका विस्तार होगा। चिराग का ये बयान उस जवाब में था जिसमें भाजपा नेताओं ने कहा था कि अगर राम विलास पासवान जीवित होते तो लोजपा साथ होती।
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की घोषणा करने से पहले मैंने गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। "ये ऐसा नहीं था कि मैं पहुंचा और अपना फैसला उन्हें सुना दिया। मैं उनसे मिला और कहा कि शायद सीट बंटवारे में मुझे शामिल करना शायद उनके लिए संभव नहीं होगा लेकिन ये तो संभव होगा कि मेरे एजेंडा बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट को एनडीए के एजेंडे में शामिल करें। अगर ऐसा नहीं हो सकता तो मुझे जेडीयू के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारने की अनुमति दें। अमित शाह ने इस पर कुछ नहीं कहा। वे चुप होकर सब कुछ सुनते रहे।"
'जेडीयू ने एलजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया'
चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को दिए इंटरव्यू में चिराग ने नीतीश कुमार पर गठबंधन धर्म के उल्लंघन का आरोप लगाया है। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से नीतीश कुमार का विरोध करती रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में हम मजबूरी में उनके साथ लड़े क्योंकि परिस्थितियां ऐसी थी। हम एनडीए में थे और नीतीश कुमार भी एनडीए में शामिल हो गए। चिराग ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू लोकसभा चुनाव में लोजपा उम्मीदवारों के खिलाफ काम कर रही थी।
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को अपमानजनक भरा बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जेडीयू ने चाहती होती तो राम विलास पासवान राज्यसभा कैसे पहुंचते। चिराग ने कहा कि "मुख्यमंत्री ने मजाक उड़ाते हुए कहा था कि मेरे पिता बिना बिना जेडीयू के सपोर्ट के राज्यसभा न पहुंच पाते क्योंकि लोजपा के पास मात्र दो विधायक थे। उन्हें याद रखना चाहिए कि मेरे पिता से राज्यसभा सीट का वादा भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने खुद किया था।"
नीतीश ने मेरे पिता का अपमान किया- चिराग
मुझे इस बात का बहुत बुरा लगा कि उन्होंने मेरे पिता के साथ बहुत ही अपमानजनक व्यवहार किया। मेरे पिता ने उन्हें (नीतीश को) बुलाया था कि वे नामांकन में हमारे साथ चलें लेकिन वे तब पहुंचे जब मुहूर्त निकल चुका था। कोई भी बेटा पिता के साथ हुए इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं कर सकता था।
चिराग ने नीतीश पर दलितों के खिलाफ काम करने का भी आरोप लगाया। लोजपा नेता ने कहा कि लोजपा कभी भी नीतीश की राजनीति की समर्थक नहीं रही। नीतीश ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए दलित और महादलित का बंटवारा करके दलित हितों को नुकसान पहुंचाया।
नीतीश की सात निश्चय योजना पर भी चिराग ने निशाना साधा। कहा कि एक तरफ देश में इतना विकास हो रहा है वहीं दूसरे तरफ बिहार के मुख्यमंत्री अभी भी पाइप में पानी पहुंचाने और गलियों में कंक्रीट रोड बिछाने की बात कर रहे हैं।