चरणदास महंत के लकी पेन की कहानी, हर बड़ा पद संभालने के लिए इसी से करते हैं दस्तखत
रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस विधायक चरणदास महंत ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। चरणदास महंत का निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना तय माना जा रहा है। इसकी वजह है कि उनके खिलाफ किसी भी पार्टी ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। महंत एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। उनका लंबा राजनीति अनुभव इस बात का गवाह है। उन्होंने अपने पिता की विरासत को बखूबी संभाला और सभी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाया। कहा जाता है कि चरणदास महंत ने एक बेटे के तौर पर अपने पिता से जुड़ी हर निशानी को सहेज के रखा। ऐसी ही एक निशानी है उनके पास मौजूद एक पेन। आखिर क्या है इस पेन की कहानी, बताते हैं आगे...
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क्या है चरणदास महंत की खास पेन की कहानी
चरणदास महंत का ये पेन उनके लिए बेहद खास है, ऐसा इसलिए क्योंकि ये उनकी यादों से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि चरणदास महंत का ये उनका अपना नहीं है, बल्कि उनके पिता बिसाहूदास महंत का है। महंत इसे अपने पिता की निशानी के तौर पर मानते हैं और पिछले करीब 44 साल से संभाल के रख रहे हैं। यानी कि उन्होंने जब राजनीतिक पारी में कदम रखा है और एक जनप्रतिनिधि के तौर पर आगे बढ़े तभी से इस पेन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पिता की निशानी है उनकी ये पेन
चरणदास महंत के इस लकी पेन के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब भी वो कोई बड़ा पद संभालते हैं तो इसी पेन से दस्तखत करते हैं। साल 1974-75 में जब चरणदास महंत पहली बार विधायक चुने गए, तब उन्होंने इसी पेन से अपने शपथ पत्र में हस्ताक्षर किए थे। तब से लेकर अब तक जब कभी भी उन्होंने कोई पद संभाला, चाहे वह विधायक हों या सांसद या फिर मंत्री, हर बार अपने इसी पेन से ही उन्होंने हस्ताक्षर किए।
चरणदास महंत का विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना तय
छत्तीसगढ़ में हाल में ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में करीब 15 साल बाद कांग्रेस की जीत के बाद अब कांग्रेस पार्टी सत्ता में हैं। चरणदास महंत भी इस चुनाव में विधायक बने हैं और ये तय माना जा रहा है कि महंत विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष का नामांकन दाखिल करने के दौरान भी उन्होंने अपने पिता की निशानी वाले पेन का इस्तेमाल किया। वे जब कोई नई जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं तो अपने पिता की इस निशानी के साथ ही करते हैं।
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