कैसे ड्रेसिंग रूम में चक दे इंडिया के कबीर खान बन जाते हैं विराट कोहली
साउथ अफ्रीका को धूल चटाकर सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद विराट कोहली ने खुद कुछ खुलासे किए। उन्होंने बताया कि असफलता से पार पाने के सभी कप्तानों के अपने तरीके होते हैं।
नई दिल्ली। तेज तेज तेज भागो... क्या प्रॉब्लम क्या है... बॉल दिख नहीं रही है क्या... और एक काम करो बॉल उठाओ इसे जेब में डालो और घर जाओ...एक और बात हर टीम में सिर्फ एक ही गुंडा होता है और इस टीम का गुंडा मैं हूं। ठीक कहते हैं एसोसिएशन वाले चकला बेलन चलाने वाली हॉकी क्या खेलेंगी? चक दे इंडिया में शाहरुख खान मेरा मतलब कबीर खान कुछ इसी तरह प्लेयर्स के दिल पर चोट मारते हैं।
कोहली का चक दे इंडिया स्टाइल
अब मैं आपको इंडियन टीम के ड्रेसिंग रूम में लिए चलता हूं। इन दिनों यहां भी 'चक दे इंडिया स्टाइल' में कोई प्लेयर्स के दिल पर चोट मार रहा है। उन्हें बात-बात पर उकसा रहा है। कश्ती लहरों से टकराएगी तो ही किनारे नसीब होंगे... कुछ इसी थीम पर इंडियन टीम को इंस्पायर किया जा रहा है। ये काम कोई और नहीं बल्कि अपने कप्तान विराट कोहली कर रहे हैं। एकदम चक दे इंडिया के कबीर खान के अंदाज में। आइए बताते हैं आपको पूरी कहानी...
श्रीलंका से हार के बाद की कहानी
साउथ अफ्रीका को धूल चटाकर सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद विराट कोहली ने खुद कुछ खुलासे किए। उन्होंने बताया कि असफलता से पार पाने के सभी कप्तानों के अपने तरीके होते हैं। कोहली ने बताया कि उनका मंत्र है कि ईमानदार रहो और ऐसा कुछ कहो कि साथी खिलाड़ियों के दिल पर चोट करे। श्रीलंका के खिलाफ मैच हारना कोहली के लिए बड़ा झटका था, जिसके बाद टीम को आत्ममंथन की जरूरत पड़ी। इस मैच के बाद कोहली ने खिलाडि़यों से दो टूक बात की और ऐसी बातें कहीं, जो सीधे दिल पर चोट करें।
बार-बार एक ही गलती, ना बाबा ना
विराट कोहली कहा, 'मेरा यही मानना है कि आपको खिलाड़ियों को बताना होगा कि गलती कहां हुई है। हमें उनसे सबक लेकर उतरना होगा। इसी वजह से लाखों लोगों में से हमें इस स्तर पर खेलने का मौका मिला है।' कोहली का मानना है कि आप बार-बार एक ही गलती नहीं कर सकते। हम एक-दो खिलाड़ियों से नहीं बल्कि सभी से ऐसा कह रहे हैं और सभी उस पर अमल भी कर रहे हैं। हमें यह जीत टीम प्रयासों से मिली।
ज्यादा टोकता नहीं, पर गलती बताना अहम
भारतीय कप्तान ने कहा, 'आपको यह बताना होगा कि गलती कहां हो रही है। इसी के साथ उन्हें जरूरत से ज्यादा टोकना भी गलत होगा, क्योंकि सभी पेशेवर क्रिकेटर हैं और मैंने इन सभी के साथ काफी क्रिकेट खेली है। आपको समझना होगा कि उनसे कैसे बात करनी है और कैसे चर्चा करनी है।'
थोड़ी हौसलाअफजाई भी जरूरी
विराट कोहली ने कहा, 'मैं प्लेयर्स को इस स्तर पर खेलने और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता हूं। छोटी-छोटी बातों को लेकर थोड़ी हौसलाअफजाई भी जरूरी है।'
और मेहनत करेंगे और अभ्यास करेंगे
विराट कोहली ने और मेहनत करने की बात करते हुए कहा, 'हम अधिक मेहनत करेंगे और अधिक अभ्यास करेंगे, ताकि ऐसे हालात में अच्छा खेल सकें। हर समय शांत रहना आसान नहीं होता और मुझे खुशी है कि श्रीलंका से मिली हार के बाद टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया।'
न मैं शांत हूं, न मेरे साथ कोई समस्या
विराट कोहली ने अंत में अपने गुस्से को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा , 'बतौर कप्तान मैं नहीं कहूंगा कि मैं पूरी तरह से शांत हूं या मेरे साथ कोई मसला नहीं है।' समझ गए न मतलब साफ है, कोहली बदलने वाले नहीं हैं, उनके तेवर कप्तान बनने के बाद वैसे ही रहने वाले हैं। तो कन्क्लूजन ये है कि अपनी स्ट्रेंथ पर खेलना ही कोहली की नजर में सबसे बढि़या रणनीति है।