जम्मू के रामबन में सुरंग ढहने की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित, 10 दिन में मंत्रालय को सौंपेगी रिपोर्ट
नई दिल्ली, 22 मई: जम्मू के रामबन में निर्माणाधीन सुरंग ढहने के मामले में केंद्र सरकार ने रविवार को तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी सुरंग के ढहने के कारणों की जांच करेगी। साथ ही उपचारात्मक उपायों का सुझाव भी देगी। गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पहले ही एक प्रक्रिया शुरू कर दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। IIT दिल्ली के प्रोफेसर जेटी साहू समिति के अध्यक्ष होंगे और यह 10 दिनों के भीतर मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगा।
राहत बचाव में जुटे बल
हादसे के तुरंत बाद एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस तुरंत राहत बचाव कार्य में जुट गई। दो श्रमिकों को तुरंत बचाया गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई श्रमिक मलबे में फंस गए। शनिवार शाम तक 10 फंसे श्रमिकों के शव बरामद किए गए। उन्हें ईपीसी ठेकेदार द्वारा कामगार मुआवजा और 2 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि दी जाएगी, जो कम से कम 15 लाख रुपये है। घायलों को भी पर्याप्त मुआवजा दिया जा रहा है और साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
कई मजदूरों की मौत
बता दें कि जम्मू के रामबन में गुरुवार देर रात एक भयानक हादसा हो गया था। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर रामबन के खोनी नाला मेकरकोट इलाके में एक निर्माणाधीन सुरंग ढहने से मलबे में 10 मजदूर फंस गए थे। हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बचाव-अभियान शुरू किया गया। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी अधिकारियों से हादसे और रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली।
यह भी पढ़ें- Jammu Tunnel Collapse: मलबे से एक शव निकाला गया, 9 मजदूर अभी भी फंसे