टॉप साइंटिस्ट ने किया दावा, mRNA वैक्सीन करेगी भारत में कोरोना संक्रमण को कम
नई दिल्ली, मई 16। कोरोना काल में यह एक बहस का मुद्दा रहा है कि क्या mRNA वैक्सीन तकनीक सामान्य वैक्सीन के मुकाबले बेहतर होती है या फिर नहीं? हालांकि समय-समय पर इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जाते रहे हैं। mRNA वैक्सीन तकनीक को लेकर सेंटर फार सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलाजी (CCMB) के सीईओ डाक्टर एन मधुसूदन राव ने दावा किया है कि उन्होंने भारत में इस तकनीक को विकसित कर लिया है।
'कोरोना पर अधिक असर डालेगी mRNA वैक्सीन'
मधुसूदन राव का दावा है कि mRNA वैक्सीन तकनीक में लचीलेपन का एक फायदा है, जो अन्य वैक्सीन प्लेटफॉर्म पर नहीं है। उनका कहना है कि इस तकनीक से भारत में कोरोना के मामलों में जबरदस्त कमी आएगी और इससे वैक्सीन का संक्रमण पर अधिक असर पड़ेगा। आपको बता दें कि हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने हाल ही में कोविड 19 के खिलाफ लड़ने के लिए देश के पहले संभावित mRNA वैक्सीन उम्मीदवार के विकास की घोषणा की थी और कहा था कि इसमें फ्लैक्सीबिलिटी का एक फायदा है जो अन्य वैक्सीन प्लेटफॉर्म के साथ नहीं है।
आपको बता दें कि एमआरएनए तकनीक एक संदेशवाहक आरएनए है, जो डीएनए अनुक्रम की एक प्रति है और प्रोटीन बनाने का एक खाका है। एमआरएनए वैक्सीन में एमआरएनए स्पाइक प्रोटीन की अनुक्रम जानकारी रखता है। यह एमआरएनए लिपिड फार्मूलेशन में समझाया जाता है और इसे शरीर में इंजेक्शन से दिया जाता है। इसके बाद यह शरीर की कोशिकाओं में यह स्पाइक प्रोटीन बनाता है जो कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सुरक्षात्मक एंटीबाडी को उत्तेजित करता है।
भारत में अगर इस वैक्सीन तकनीक को इस्तेमाल किया जाता है तो इससे भारत में कोरोना के मामलों मे कमी आएगी। एएनआई के साथ एक विशेष इंटरव्यू में डॉ मधुसूदन राव ने कहा है, "हमारे पास COVID के खिलाफ mRNA तकनीक है, हम यह कह सकते हैं। पश्चिमी देश कोरोना महामारी के खिलाफ केवल mRNA वैक्सीन का ही उपयोग कर रहे हैं और वो भी काफी लंबे समय से, लेकिन कभी इसका नुकसान नहीं हुआ।
डॉ राव ने आगे बताया कि COVID-19 के संदर्भ में जहां चिंता के बादल आए दिन मंडराते रहते हैं, उसी प्रकार mRNA वैक्सीन को जल्दी से नया रूप दिया जाता है। जैसे कि पिछले ढाई साल में जैसे-जैसे कोरोना के वेरिएंट आए हैं, वैसे-वैसे वैक्सीन के असर को लेकर लोगों की चिंता बढ़ जाती है, इसलिए mRNA प्लेटफॉर्म आपको एक अवसर देता है बहुत कम समय में अपने प्लेटफॉर्म को नए संस्करण में जल्दी से फिर से चलाने के लिए।
डॉक्टर राव ने कहा कि यह टीका प्लेटफॉर्म कई संक्रामक रोगों से बचाव प्रदान करने के लिए वादा करता है जो भारत केंद्रित हैं जैसे कि मलेरिया या डेंगू या तपेदिक।
ये भी पढ़ें: बायोलॉजिकल-ई ने अपनी वैक्सीन कार्बोवेक्स के दाम घटाए, जानें नई कीमत