आय से अधिक संपत्ति मामले में मुलायम-अखिलेश को बड़ी राहत, CBI ने दी क्लीन चिट
लखनऊ। आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सीबीआई ने मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में सीबीआई ने उन्हें क्लीनचिट दे दी है। सीबीआई ने साथ ही कहा है कि पिता और पुत्र के खिलाफ रेगुलर केस दर्ज करने के लिए उसे कोई सबूत नहीं मिला है। आपको बता दें कि इससे पहले 25 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सपा नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों अखिलेश यादव एवं प्रतीक यादव के खिलाफ अर्जी पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था।
|
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 को अपने फैसले में सीबीआई को आरोपों की जांच करने तथा यह पता लगाने का आदेश दिया था कि सपा नेताओं की आय से अधिक संपत्ति से सम्बंधित याचिका सही है या नहीं। अदालत ने 2012 में मुलायम और उनके बेटों की इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था और सीबीआई को इस मामले की जांच के क्रम में आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 को अपने फैसले में सीबीआई को आरोपों की जांच करने तथा यह पता लगाने का आदेश दिया था कि सपा नेताओं की आय से अधिक संपत्ति से सम्बंधित याचिका सही है या नहीं। अदालत ने 2012 में मुलायम और उनके बेटों की इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था और सीबीआई को इस मामले की जांच के क्रम में आगे बढ़ने का निर्देश दिया था।
मुलायम सिंह ने लगाया था ये आरोप
इसके बाद सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि उनके खिलाफ दायर याचिका राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए जानबूझकर उनके खिलाफ ये अर्जी दाखिल की गई है। आयकर विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जांच की थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। ऐसे उनके और उनके परिवार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।
जानिए कब का है पूरा मामला
वरिष्ठ वकील ने याचिकाकर्ता एवं कांग्रेसी नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने 2005 में शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर करके सीबीआई को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि मुलायम, अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल तथा प्रतीक के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिये उचित कार्रवाई की जाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।
Read Also- प्राइवेट प्लेन में 15 साल की लड़की संग 'मिड एयर' सेक्स करने वाले करोड़पति को जेल