CBI रिश्वत केस: 9 फोन कॉल और व्हाट्सऐप मैसेज के कारण मुश्किल में फंसे अस्थाना
नई दिल्ली। सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोप से सनसनी मच गई है। इस केस में राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। वहीं, सीबीआई ने दावा किया है कि बिचौलिए मनोज प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद हड़बड़ी में उसके भाई ने कई फोन किए, इस दौरान 9 फोन कॉल रिकॉर्ड किए गए थे। जांच एजेंसी का दावा है कि अस्थाना और बिचौलिए के बीच कई बार कॉल और व्हाट्सऐप के जरिए बात हुई थी।
राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज हुआ है केस
राकेश अस्थाना के खिलाफ बिजनेसमैन सतीश सना के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया है। सना ने कहा था कि मनोज ने 5 करोड़ की रिश्वत देने को कहा था और दावा किया था कि पैसे मिलने के बाद बार-बार मिलने वाले समन की झंझट खत्म होगी और इस केस में क्लीन चिट भी मिल जाएगी।
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सीबीआई का दावा, खंगाले गए व्हाट्सऐप और कॉल रिकॉर्ड
वहीं, सीबीआई में नंबर दो राकेश अस्थाना ने कैबिनेट सचिव को दी गई जानकारी में दो महीने पहले दावा किया था कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सना से दो करोड़ की रिश्वत ली है। अस्थाना के मुताबिक, वर्मा ने ये रकम मामले को रफा-दफा करने के लिए ली थी। हालांकि सना के बयान के आधार पर ही अब राकेश अस्थाना के ऊपर केस दर्ज कर दिया गया है।
सीबीआई रिश्वत मामले में नया मोड़
सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ जांच तब शुरू की जब दुबई में मनोज प्रसाद की गिरफ्तारी हुई थी। मनोज प्रसाद वही शख्स है जिसने घूसखोरी में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। कुरैशी के ठिकाने पर आयकर विभाग ने फरवरी 2014 में छापेमारी की थी। उसके ब्लैकबेरी फोन में कई संदिग्ध मैसेज मिले थे। इस छापेमारी के तीन साल बाद फरवरी 2017 सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था और एसआईटी का गठन करके उसे इसकी जांच का जिम्मा सौंपा था, जिसके प्रमुख राकेश अस्थाना थे।