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Budget 2021: IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ बजट में सरकार से क्या चाहती हैं ?

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IMF Chief Economist on Budget 2021: नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही भारतीय संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है। इसी के साथ सभी की निगाहें केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट की ओर लगी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को भी इस बजट से उम्मीद है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा है कि केंद्रीय बजट में भारत सरकार के लिए सुधार मुख्य एजेंडा होने चाहिए। गोपीनाथ का कहना है कि कृषि और बुनियादे ढांचे में सुधार करना भारत की प्रमुखता होनी चाहिए।

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बजट में दो बातों पर ध्यान जरूरी

बजट में दो बातों पर ध्यान जरूरी

गोपीनाथ उन अर्थशास्त्रियों में रही हैं जिन्होंने आर्थिक हालात संभालने के लिए सरकार से अधिक खर्च करने की सलाह दी थी। अब गीता गोपीनाथ ने कहा है कि वह चाहती हैं कि केंद्रीय बजट 2021 में ऐसे दो महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिन पर सरकार को मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

आईएमएफ की प्रमुख अर्थशास्त्री ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि आने वाले बजट में दो चीजों पर काम करने की जरूरत है। पहली तो सरकार के बजट में आने वाले आर्थिक संकट से निपटने पर जोर देना होगा और साथ ही भविष्य पर भी नजर बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे सुधारों को लागू करना होगा जो आर्थिक संकट से उबरने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा कि यदि आप सामाजिक क्षेत्रों को देखते हैं तो इस बारे में कहा जा सकता है कि महामारी के दौरान चलाए गए सहायता उपायों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इसके गरीब परिवारों को सहारा मिलेगा।" गोपीनाथ ने कोविड-19 महामारी के दौरान MSME और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के भारत सरकार के प्रयास पर कहा यह देखना महत्वपूर्ण है कि वे कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।

बैंकों का एनपीए बढ़ने की आशंका

बैंकों का एनपीए बढ़ने की आशंका

गोपीनाथ ने आर्थिक संकट के मद्देनजर देश की बैंकों के नॉन परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) में वृद्धि की आशंका जताई है। और कहा कि सरकार इसके लिए कुछ सहायता प्रदान कर सकती है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री ने सरकार को बुनियादी ढांचे में खर्च बढ़ाने की सलाह दी है।

गीता गोपीनाथ का बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021 की घोषणा की है। 1 फरवरी को पेश होने वाले इस बजट को लेकर वित्तमंत्री के सामने कई चुनौतियां हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि ये बजट ऐसा होगा जैसा पहला कभी नहीं हुआ।

कृषि कानूनों की भी की थी तारीफ

कृषि कानूनों की भी की थी तारीफ

हाल ही में गीता गोपीनाथ ने भारत सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों की तारीफ की थी और कहा था कि कानून किसानों की आय बढ़ाने में सक्षम होंगे। गोपीनाथ ने कहा था "ये कृषि कानून मार्केटिंग को लेकर हैं। ये किसानों के लिए बाजार को और बड़ा कर रहा है। किसान अब मंडी के बाहर विभिन्न जगहों पर बिना कोई टैक्स अदा किए अपनी उपज बेच सकते हैं। हमारी समझ में इसमें किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है।" सरकार के इन तीन कृषि कानूनों का किसान कई महीनों से विरोध कर रहे हैं और पिछले 2 महीने से अधिक समय से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।

जिन कृषि कानूनों पर भड़के किसान संगठन, IMF की गीता गोपीनाथ ने की तारीफ, कहा- बढ़ेगी आयजिन कृषि कानूनों पर भड़के किसान संगठन, IMF की गीता गोपीनाथ ने की तारीफ, कहा- बढ़ेगी आय

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English summary
budget 2021 imf chief economist gita gopinath expects from government
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