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Budget 2019: मोदी सरकार का वेतनकर्मियों को बड़ा तोहफा, ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आज आखिरी बजट पेश किया गया। अरुण जेटली की अनुपस्थिति में पीयूष गोयल बतौर वित्त मंत्री बजट पेश किया। मोदी सरकार ने अंतिम बजट में वेतनभोगियों को बड़ी सौगात दी है। ग्रेच्युटी भुगतान सीमा को 10 लाख से 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि, अगर कोई कर्मचारी पांच साल के बाद नौकरी छोड़ता है। तो उसे मिलने वाली अधिकतम 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर सरकार ने अधिकतम 20 लाख रुपये कर दिया गया है।

 ईपीएफओ से मिलने वाली सहायता राशि 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये

ईपीएफओ से मिलने वाली सहायता राशि 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये

इसके अलावा सर्विस के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने पर ईपीएफओ से मिलने वाली सहायता राशि 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई। अब कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) नियम के तहत पात्रता 15,000 से बढ़ाकर 21000 रुपये प्रतिमाह वेतन की गई। वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम लागू की गई है। नई पेंशन स्कीम में सरकार के योगदान को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। जो लोग 21 हजार रुपए प्रतिमाह कमाते हैं उन्हें बोनस दिया जाएगा।

6 लाख रुपये का बीमा मुफ्त

6 लाख रुपये का बीमा मुफ्त

पीयूष गोयल ने कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे जल्द लागू किया जाएगा। बजट भाषण में गोयल ने एलान किया कि जिन लोगों का ईपीएफ कटता है, उन्हें 6 लाख रुपये का बीमा मुफ्त दिया जाएगा। आपको बता दें, 'ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2018' 29 मार्च 2018 से लागू कर दिया गया था। ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2018 जिसे लोकसभा ने 15 मार्च 2018 और राज्य सभा ने 22 मार्च 2018 को पारित किया था, उसे 29 मार्च 2018 से लागू कर दिया गया था।

क्या होती है ग्रच्युटी

क्या होती है ग्रच्युटी

दरअसल ग्रेच्युटी का भुगतान अधिनियम, 1972 उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है, जिसमें 10 या इससे अधिक कर्मी होते हैं। इसके तहत कर्मचारियों को उनके रिटायर होने के बाद सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, चाहे यह सेवानिवृत्ति की वजह से हो या शारीरिक अपंगता या फिर शरीर के किसी महत्वपूर्ण अंग के काम करना बंद करने की वजह से हो। ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला काफी आसान है। पांच साल की सेवा के बाद सेवा में पूरे किए गए हर साल के बदले अंतिम महीने के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर उसे पहले 15 से गुणा किया जाता है, फिर सेवा में दिए गए सालों की संख्या से, और इसके बाद हासिल होने वाली रकम को 26 से भाग दे दिया जाता है, और वही आपकी ग्रेच्युटी है।

हर श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन अब एक हजार रुपए

हर श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन अब एक हजार रुपए

हर श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन अब एक हजार रुपए हो चुकी है। इस योजना का लाभा लेने के लिए हर महीने 55 रुपए देने होंगे। रिक्शा और कचरा बीनने वालों को भी इस स्कीम से फायदा होगा। 60 साल पूरे होने के बाद हर महीने 3000 रुपए मिलेंगे। ये पेंशन योजना इसी वित्तीय वर्ष से शुरू होगी। सरकार श्रमिक के पेंशन अकाउंट में बराबर का योगदान देगी। असंगठित क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपए देंगे। इससे ज्यादा का प्रावधान भी दिया जाएगा।

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English summary
Budget 2019: Govt increases Gratuity limit from Rs 10 lakh to 30 lakh
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