बॉलीवुड में भाई-बेटे नहीं चलते, बहनोई तो दूर की बात है: सलमान खान
'बिग बॉस' और 'दस का दम' होस्ट करने वाले सलमान टीवी को पॉवरफुल मीडिया मानते हैं. वो कहते हैं, "टीवी को कमतर आंका जाता है. कहा जाता है कि फ्लॉप होने के बाद सितारे टीवी की ओर रुख करते हैं पर यह सच्चाई नहीं है. टीवी की पहुँच बहुत ही अद्भुत है. मैं टीवी करता हूँ. कई अभिनेता वहां अच्छी कमाई कर रहे हैं."
"मुझे याद है 'दस का दम' के एक एपिसोड में जब आमिर शो पर आये थे तब टीआरपी 3.2 थी, वहीं उसी शो में जब टीवी की चार अभिनेत्रियां साथ आईं तो टीआरपी 5.8 थी."
सलमान खान ने अपनी फ़िल्मों से कई अभिनेत्रियों को लॉन्च किया है. सूरज पंचोली और आथिया शेट्टी के बाद अब सलमान खान अपने बहनोई आयुष शर्मा को लॉन्च कर रहे हैं.
आयुष सलमान की बहन अर्पिता खान के पति हैं. वो 'लव यात्री' से बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं. फ़िल्म में उनके अपोज़िट वारिणा हुसैन हैं.
सलमान खुद फ़िल्म के प्रोमोशन में जुटे हैं. इसके साथ ही एक बार फिर बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद पर बहस शुरू हो गई है.
हालांकि सलमान खान का कहना है कि बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद नहीं चल सकता है.
बीबीसी से बातचीत में सलमान ने कहा, "यहां सिर्फ़ दर्शक आपको स्टार बना सकते हैं. इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप किसके बेटे है. यहाँ भाई-भतीजावाद नहीं चल सकता फिर आप कितना भी ज़ोर लगा लें, किसी को स्टार नहीं बना सकते."
उन्होंने कहा कि यहाँ भाई नहीं चलता, बेटा नहीं चलता, बहनोई तो बहुत दूर की बात है.
सलमान कहते हैं, "मैं लेखक का बेटा हूं. अजय देवगन एक्शन डायरेक्टर के बेटे हैं. लेकिन स्टार दर्शक ही बनाते हैं और आप पता नहीं लगा सकते कि दर्शक को आपमें क्या अच्छा लगेगा."
वो कहते हैं कि आप भले ही सबसे खूबसूरत इंसान या बेहतरीन अभिनेता हों, फिर भी दर्शक आपको नकार सकता है."
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बड़े सितारे हिट की गारंटी नहीं
सलमान खान ने साफ़ किया कि फ़िल्म में बड़े सितारों के जुड़ने से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. कई बार बड़े सितारे भी सिनेमाघरों में चित हो जाते हैं.
वो कहते हैं, "उनकी खुद की फ़िल्में नहीं चलतीं तो वो दूसरों की फ़िल्में कैसे चला सकते है. दोस्ती के कारण उन्होंने कई फ़िल्मों में मेहमान भूमिका निभाई है, पर वो बॉक्स ऑफ़िस में कमाल नहीं कर पाईं."
सलमान खान का कहना है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में सभी स्टार बनने आते हैं पर सबकुछ नसीब पर निर्भर करता है.
सलमान अपने आपको खुशनसीब मानते हैं कि वो स्टार बने और उनकी फ्लॉप फिल्में भी 100 करोड़ से अधिक कमा सकीं.
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'टीवी को कमतर आंकना ठीक नहीं'
उनका मानना है कि 'अब फ़िल्म इंडस्ट्री बहुत बदल गई है. अब एक फ़्लॉप से भले दर्शक ना बदले पर फ़िल्म इंडस्ट्री के लोग बदल जाते है. अब फ़िल्म इंडस्ट्री बहुत ही प्रतिस्पर्धात्मक हो गई है. पर बुरी चीज़ ये है कि अब लोग दूसरे की सफलता से ईर्ष्या करते हैं जो पहले नहीं हुआ करती थी.'
'बिग बॉस' और 'दस का दम' होस्ट करने वाले सलमान टीवी को पॉवरफुल मीडिया मानते हैं. वो कहते हैं, "टीवी को कमतर आंका जाता है. कहा जाता है कि फ्लॉप होने के बाद सितारे टीवी की ओर रुख करते हैं पर यह सच्चाई नहीं है. टीवी की पहुँच बहुत ही अद्भुत है. मैं टीवी करता हूँ. कई अभिनेता वहां अच्छी कमाई कर रहे हैं."
"मुझे याद है 'दस का दम' के एक एपिसोड में जब आमिर शो पर आये थे तब टीआरपी 3.2 थी, वहीं उसी शो में जब टीवी की चार अभिनेत्रियां साथ आईं तो टीआरपी 5.8 थी."
बतौर निर्माता सलमान खान खुद को बहुत ही ज़िम्मेदार मानते हैं. उनकी फ़िल्म 'लव यात्री' शुक्रवार को रिलीज़ हुई है.
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