तरुण तेजपाल को बरी करने को चुनौती देने वाली गोवा सरकार की अपील पर सुनवाई करेगा बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ बुधवार को तहलका मैग्जीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को बलात्कार के एक मामले में बरी किए जाने के खिलाफ गोवा सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा।
पणजी, 2 जून। बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ बुधवार को तहलका मैग्जीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को बलात्कार के एक मामले में बरी किए जाने के खिलाफ गोवा सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा। बता दें कि 21 मई को एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने तरुण तेजपाल को बलात्कार के आरोपों से मुक्त करते हुए बरी कर दिया था, जिसे गोवा सरकार ने चुनौती दी थी। गोवा सरकार ने निचली अदातल के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि बचाव पक्ष के वकील द्वारा पेस किये गए सबूतों को निचली अदालत ने न केवल अकाट्य सत्य माना, बल्कि पीड़िता के साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष के गवाओं को भी यह फैसला सुनाते हुए नजरअंदाज कर दिया।
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तेजपाल
पर
लगा
था
बलात्कार
का
आरोप
मालूम
हो
कि
तलहका
पत्रिका
के
पूर्व
संपादक
रहे
तरुण
तेजपाल
पर
साल
2013
में
फाइव
स्टार
होटल
में
पत्रिका
के
एक
इवेंट
के
दौरान
होटल
की
लिफ्ट
में
अपनी
सहकर्मी
से
बलात्कार
करने
का
आरोप
लगा
था।
पीड़िता
ने
तरुण
पर
लगाए
थे
गंभीर
आरोप
शिकायतकर्ता
के
अनुसार,
तेजपाल
ने
7
नवंबर
2013
को
होटल
की
लिफ्ट
के
अंदर
महिला
के
साथ
बलात्कार
किया
और
अगले
दिन
फिर
से
उसके
साथ
मारपीट
करने
का
प्रयास
किया।
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तेजपाल
ने
किया
आरोपों
का
खंडन
तरुण
तेजपाल
ने
अदालत
में
अपने
ऊपर
लगे
सभी
आरोपों
का
खंडन
किया,
वह
2014
से
ही
जमानत
पर
बाहर
थे
और
अंत
में
उन्हें
सभी
आरोपों
से
बरी
कर
दिया
गया।
गोवा
सरकार
ने
अदालत
के
फैसले
के
खिलाफ
दायर
की
अपील
गोवा
सरका
ने
इस
मामले
में
तेजपाल
के
खिलाफ
बॉम्बे
हाई
कोर्ट
में
अपील
दायर
करते
हुए
कहा
कि
इस
मामले
में
फिर
से
सुनवाई
होनी
चाहिए।
सरकार
ने
इसके
पीछे
फैसले
के
बाद
पीड़ित
को
लगने
वाले
मानसिक
आघात
और
उसके
चरित्र
पर
सवाल
उठाने
को
लेकर
अदालत
की
समझ
के
अभाव
का
तर्क
दिया
है।
सरकार
ने
कहा
कि
अदालत
ने
इस
मामले
में
सबसे
महत्वपूर्ण
तथ्य
(माफी
वाले
ई-मेल)
को
पूरी
तरह
से
नजरअंदाज
कर
दिया,
जिसमें
आरोपी
का
दोष
साफ
तौर
पर
जाहिर
होता
है।
इसलिए
मामले
पर
फिर
से
सुनवाई
होनी
चाहिये।