Black Fungus: चंडीगढ़ में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, तमिलनाडु Govt ने बताया अधिसूचित रोग, जानें लक्षण
नई दिल्ली, 21 मई। कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस ने भी डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों जैसे असम, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा और पंजाब ने इसे महामारी घोषित कर दिया है तो वहीं गुरुवार देर रात चंडीगढ़ हेल्थ डिपार्टमेंट और तमिलनाडु सरकार ने भी ब्लैक फंगस यानी म्यूकॉर्माइकोसिस को लेकर बड़ा ऐलान किया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने ब्लैक फंगस को एपिडेमिक में शामिल कर दिया है। उसने Epidemic Diseases Act 1897 के तहत ये कदम उठाया है।
तो वहीं तमिलनाडु सरकार ने 9 लोगों के ब्लैक फंगस से संक्रमित पाए जाने के बाद इसे एक अधिसूचित रोग घोषित किया है। जिससे कि ऐसे मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो सके और समुचित इलाज हो सके।
ब्लैक फंगस इंफेक्शन का खतरा बढ़ता जा रहा
मालूम हो कि इंडिया में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस इंफेक्शन का खतरा बढ़ता जा रहा है। देश भर के कई राज्यों से कोविड-19 से ठीक होने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस पाया गया है। महाराष्ट्र में इस इंफेक्शन से अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी 1500 मरीज इससे संक्रमित हैं। जबकि राजस्थान में ब्लैक फंगस के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं तो वहीं हरियाणा, गुजरात, ओडिशा और पंजाब में भी इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं।
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क्या है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस का वैज्ञानिक नाम है म्यूकोरमाइकोसिस है, जो कि रेयर फंगल इंफेक्शन है, ये डायबिटीज मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कोरोना महामारी के दौरान इसके केस बहुत देखने को मिल रहे हैं जिसका सबसे बड़ा कारण है कोविड के मरीजों पर स्टेरॉयड्स का ज्यादा इस्तेमाल, इसका असर आंखों पर बहुत ज्यादा होता है।
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ब्लैक फंगस के लक्षण
- हाई फीवर
- सिरदर्द
- खांसी
- खूनी उल्टी
- आंखों में दर्द
- धुंधला दिखाई देना
- नाक से खून आना
- ब्लैक कलर का स्त्राव
- आंखों या नाक के पास दर्द
- आंखों या नाक के पास लाल निशान
- चेहरे पर एक तरफ सूजन
- छाती में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ होना
- दांत या मसूढ़ों में दर्द
ब्लैक फंगस से बचाव
- लक्ष्ण नजर आने पर तुरंत ईएनटी डॉक्टर से संपर्क करें।
- डॉक्टर्स के सारे निर्देश माने।
- डायबिटीज के मरीज शूगर को कंट्रोल रखें ।
- समय पर दवाएं खाएं । 4.
- स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स या एंटिफंगल दवाओं का सेवन ना करें।
- अपना इलाज खुद ना करें, तुंरत डॉक्टर्स से मिले।