'यूपी में 12% मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया', मुस्लिम-बहुल 60 लोकसभा सीटों के लिए क्या है मेगा प्लान? जानिए
भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं पर भी फोकस करेगी। इसके लिए 60 मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों के हिसाब से मेगा प्लान बनाया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने मुसलमानों के बीच अपना समर्थन बढ़ाने के लिए बहुत बड़ी योजना तैयार की है। पार्टी ने देश के 60 मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों पर फोकस किया है। अगले कुछ महीनों में इन सीटों पर पार्टी 5-5 हजार मुस्लिम कार्यकर्ताओं को और जोड़ेगी। दरअसल, हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न हुए पार्टी के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से समाज के सभी वर्गों और समुदायों तक पहुंच बढ़ाने की अपील की थी। उस बैठक के बारे में कहा गया कि पीएम मोदी बीजेपी के मंच से एक असल स्टेट्समैन वाला स्पीच देकर गए थे। उसका असर ये हुआ है कि पार्टी ने खासकर मुसलमानों के बीच अपनी पकड़ बढ़ाने की पूरी योजना तैयार कर ली है। चौंकाने वाली बात ये है कि पार्टी का कहना है कि पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में उसे मुसलमानों के 12 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
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भाजपा का मुसलमानों के बीच समर्थन बढ़ाने का मेगा प्लान
बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी से कहा है कि सभी समुदायों के बीच पहुंचने की कोशिश करे। इसके बाद पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा ऐक्शन में आ चुका है। इसने देशभर में ऐसी 60 मुस्लिम-बहुल सीटों की पहचान की है, जहां पर कार्यकर्ता मतदाताओं से जुड़ने के लिए जल्द ही योजना बनाकर काम शुरू कर देंगे। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने ईटी को बताया कि 'पीएम मोदी ने हमेशा कहा है कि पार्टी को सभी समुदायों के बीच पहुंचना चाहिए। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान उन्होंने विशेष तौर पर इस बात का जिक्र किया है कि अगर ये समुदाय वोट नहीं भी देते हैं, तो भी हमें उन तक जाना है और हमारी नीतियों और हमारे दृष्टिकोण के बारे में बताना है।'
1-2 फरवरी को अल्पसंख्यक मोर्चा का बड़ा कार्यक्रम
पीएम मोदी के संदेश के बाद से पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा काफी उत्साहित है। सिद्दीकी के मुताबिक, 'हम एक राजनीतिक दल हैं और निश्चित तौर पर हम कोशिश करेंगे कि मुस्लिम समुदाय का वोट हमारी ओर आए।' अब भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा 1 और 2 फरवरी को राजस्थान या छत्तीसगढ़ में एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी आयोजित करेगा। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष का कहना है, 'शिक्षित, छोटे कारोबारियों, सूफियों और समाज के निचले तबके के वे लोग जिन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है, जैसे कि पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने का विचार है।' मुख्तार अब्बास नकवी के बाद आज मोदी कैबिनेट में एक भी मुसलमान नहीं है। सिद्दीकी ने कहा, 'मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के पहले शिक्षा मंत्री थे और जब शिक्षा की बात आती है तो मुसलमान सबसे पिछड़ा समुदाय है। समुदाय का मंत्री होने से ज्यादा यह जरूरी है कि एक सरकार ऐसी हो जो सबके लिए काम करे।'
हर लोकसभा क्षेत्र में 5,000 मुसलमानों को सदस्य बनाने का लक्ष्य
मुसलमानों के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए पार्टी ने इन सभी लोकसभा क्षेत्रों में 5,000 मुसलमानों को सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। योजना ये भी है कि मुस्लिम समाज के धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं से मुलाकत के जरिए लोगों को सरकार के विकास के एजेंडे और योजनाओं के प्रति जागरूक किया जाए। उनका कहना है, 'हम बस समुदाय को यह बताना चाहते हैं कि पीएम मोदी की जैसी समावेशी विचारधारा है, वही बीजेपी की विचारधारा है; और लोगों को छोटे-मोटे नेताओं के बयानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।'
'यूपी में 12% मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया'
भाजपा नेता ने एक चौंकाने वाला दावा ये किया है कि यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुसलमानों के आधा से ज्यादा वोट मिले थे। उनका कहना है, 'हमें समर्थन मिल रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव में हमारा अंदाजा है कि करीब 12% मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया।' पार्टी मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्र में मार्च से 'स्कूटर यात्रा' निकालने वाली है और स्नेह सम्मेलनों का आयोजन भी करने वाली है। अप्रैल या मई में इन 60 लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी के जो 3,00,000 नए सदस्य जुड़ेंगे उन्हें दिल्ली में एक मेगा रैली में बुलाया जाएगा। सिद्दीकी की कोशिश है कि पीएम मोदी को भी उस रैली के लिए बुलावा भेजें।
'मुसलमानों को वोट-बैंक नहीं बनने देना चाहती भाजपा'
दरअसल, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कैडरों से कहा है कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जो मुसलमानों तक भी पहुंचा है, उसके उदाहरण से बताएं कि इस सरकार में धर्म के आधार पर जमीनी स्तर पर कोई भेदभाव नहीं हो रही है। इसके माध्यम से मुसलमानों के खिलाफ कथित असहिष्णुता के नरेटिव को भी दूर करने में मदद मिल सकती है। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा है कि 'तथ्य ये है कि समाज कल्याण योजनाओं का लाभार्थी मुसलमान भी रहा है, इससे विपक्ष के उन दावों की पोल खुल चुकी है कि बीजेपी मुस्लिम-विरोधी पार्टी है। लंबे समय से विपक्ष ने बीजेपी और उसकी विचारधारा को लेकर डरा कर रखा है, जिसके चलते अल्पसंख्यक समुदाय भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर वोट करता रहा है।' भारतीय जनता पार्टी मुस्लिमों के बीच पहुंचकर अब यह कोशिश कर रही है कि अगर यह समुदाय भले ही उसे वोट न दे, लेकिन कम से कम उनके वोट को इसके खिलाफ वोट-बैंक की तरह इस्तेमाल करना भी तो बंद हो जाए। भाजपा नेता का कहना था कि 'वे जिस भी पार्टी को चाहें वोट दे सकते हैं, लेकिन यह भाजपा के खिलाफ बिठाई गई नफरत पर आधारित नहीं होना चाहिए।'