राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी का फैसला, नड्डा और राजनाथ सिंह करेंगे सभी दलों से चर्चा
नई दिल्ली, 12 जून: राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल बज चुका है। आगामी 18 जुलाई को इसके लिए वोटिंग होगी, जबकि 21 जुलाई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग के इस ऐलान के बाद से राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। विपक्षी दलों की घेराबंदी को देखते हुए बीजेपी हाईकमान ने रविवार को एक बड़ा फैसला लिया, जिसके तहत दो नेताओं को सभी दलों और पार्टी के नेताओं आदि से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है।
बीजेपी ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति वाले उम्मीदवार पर एनडीए सहयोगियों, यूपीए-गठबंधन दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ चर्चा करने के लिए अधिकृत किया। दोनों नेता जल्द ही इस दिशा में काम शुरू कर देंगे।
बीजेपी का ये फैसला काफी अहम हैं, क्योंकि चुनाव के ऐलान के बाद ही बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 15 जून को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। इसके लिए उन्होंने 22 नेताओं को चिट्ठी भी लिखी है। उम्मीद है इस बैठक में विपक्षी दल एक संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करेंगे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एनसीपी चीफ शरद पवार से इस मामले में बात की थी।
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2017
में
भी
बीजेपी
ने
किया
था
ऐसा
2017
के
राष्ट्रपति
चुनाव
में
भी
अन्य
दलों
के
साथ
परामर्श
करने
के
लिए
बीजेपी
ने
एक
समिति
का
गठन
किया
था,
जिसमें
रामनाथ
कोविंद
के
नाम
पर
मुहर
लगी
थी।
उस
समिति
में
तत्कालीन
बीजेपी
अध्यक्ष
अमित
शाह,
वेंकैया
नायडू,
राजनाथ
सिंह
और
अरुण
जेटली
शामिल
थे।
सोनिया ने पवार-ममता को किया फोन, कहा- 'लोगों के दर्द को दूर करने वाला राष्ट्रपति चाहिए'
क्षेत्रीय
दलों
को
लाना
होगा
साथ
पिछला
चुनाव
भी
बीजेपी
के
लिए
चुनौती
भरा
था,
लेकिन
उसने
जेडीयू,
बीजेडी
जैसे
छोटे
दलों
को
अपने
साथ
लिया
और
रामनाथ
कोविंद
को
जीत
दिलाई।
हालांकि
राष्ट्रपति
चुनाव
में
साथ
देने
वाले
कई
दल
उपराष्ट्रपति
के
चुनाव
में
बीजेपी
के
साथ
नहीं
थे।