राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर बीजेपी ने भी स्पष्ट नहीं की स्थिति
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में 'सिक्योर इंडियंस' इस टाइटल के साथ कुछ अहम बिंदुओं का जिक्र जरूर किया है। बीजेपी के इस घोषणा पत्र में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का ऐलान किया गया है। घोषणा पत्र के मुताबिक मिलिट्री सिक्योरिटी, साइबर सिक्योरिटी और ऐसे ही कुछ बातों पर खासा ध्यान दिया गया है।
नेशनल
मैरीटाइम
अथॉरिटी
एक
बेहतर
कदम
बीजेपी
ने
अपने
घोषणा
पत्र
में
कहा
है
कि
वह
आतंक
निरोधी
तंत्र
का
आकलन
करेगी
और
साथ
ही
नेशनल
सिक्योरिटी
एजेंसी
को
मजबूत
करने
के
लिए
ठोस
कदम
उठाएगी।
नक्सलवाद
की
समस्या
से
उबरने
के
लिए
बीजेपी
एक
राष्ट्रीय
योजना
पर
काम
करेगी।
इसके
साथ
ही
एक
नेशनल
मैरीटाइम
अथॉरिटी
का
गठन
होगा।
पढ़़ें-बीजेपी के घोषणा पत्र की कुछ खास बातें
इंडियन आर्मी में एक वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं देने वाले मेजर रैंक के अधिकारी की मानें तो फिलहाल देश में नेशनल कोस्ट गार्ड यानी एनएसजी जैसा तंत्र काम कर रहा है। बेहतर होता कि आने वाली सरकार इस तंत्र में मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्या को सबसे पहले दूर करे। हालांकि इस अधिकारी के मुताबिक नेशनल मैरीटाइम अथॉरिटी अगर बड़े स्तर पर कामयाब संगठन के रूप में सामने आया तो फिर कोस्टल बॉर्डर पर मौजूद आतंक की समस्या को कुछ कम किया जा सकेगा।
क्रॉस
बॉर्डर
टेररिज्म
देश
के
भावी
प्रधानमंत्री
के
तौर
पर
नजर
आने
वाले
नरेंद्र
मोदी
से
अक्सर
सुरक्षा
विशेषज्ञों
को
यह
शिकायत
रही
है
कि
वह
कभी
भी
ऐसी
ठोस
नीतियों
का
ऐलान
नहीं
करते
जिनसे
पता
लग
सके
कि
बीजेपी
अगर
सत्ता
में
आती
है
तो
वह
सीमा
पार
से
जारी
आतंकवादी
गतिविधियों
से
कैसे
निबटेगी।
सोमवार
को
जब
घोषणा
पत्र
आया
तो
कहीं
न
कहीं
सुरक्षा
विशेषज्ञों
को
थोड़ी
निराश
हुई।
घोषणा पत्र में सीमा पार से जारी आतंकवाद से सख्ती से निबटने की बात तो कही गई है लेकिन नीति क्या होगी इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है। देश के जाने-माने रक्षा और रणनीति विशेषज्ञ मारूफ रजा के मुताबिक बीजेपी ने अभी तक अपनी स्थिति कारगिल इंटलेजीसें जैसे नाजुक मुद्दों पर साफ नहीं की है।
पार्टी का कोई भी नेता इस बारे में कभी कोई ठोस बयान नहीं देता कि आखिर वह कैसे चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों से निबटेंगे। मारूफ की मानें तो यह काफी निराशाजनक है क्योंकि घोषणा पत्र में उन्हें एक या दो लाइन में नीतियों के बारे में कुछ तो बताना ही चाहिए था।
डिफेंस
में
एफडीआई
रिटेल
से
बेहतर
हालात
हालांकि
बीजेपी
ने
घोषणा
पत्र
में
यह
बात
भी
साफ
कर
दी
है
कि
अगर
उसकी
अगुवाई
वाली
एनडीए
केंद्र
में
सरकार
बनाती
है
तो
फिर
डिफेंस
सेक्टर
में
प्राइवेट
पार्टनरशिप
को
बढ़ावा
दिया
जाएगा।
साथ
ही
कुछ
चुनी
हुई
कंपनियों
को
एफडीआई
के
तहत
देश
में
मौका
मिल
सकता
है।
रिटायर्ड मेजर जनरल गगनदीप बख्शी के मुताबिक यह काफी अच्छी बात है क्योंकि दूसरे देशों की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों को मौका मिल सकेगा कि वह भारत आएं और हो सकता है कि देश में पुराने पड़ चुके हथियारों को भी नई धार हासिल हो।
इसके अलावा चार डिफेंस यूनिवर्सिटीज का प्वाइंट को भी विशेषज्ञों ने पूरे नंबर दिए गए हैं। उनके मुताबिक अगर देश में डिफेंस यूनिवर्सिटीज होंगी तो फिर स्वदेशी तकनीक को विकसित करने और उसे अपनाने में भी तेजी आएगी और दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म करने के लिए यह काफी जरूरी है।