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कई चरणों में मतदान से बीजेपी को लाभ की संभावना लेकिन पार्टी के सामने ये चुनौती भी

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान होने के बाद अब राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। खासकर सत्ताधारी पार्टी के लिए यह एक अवसर भी है जिन राज्यों में वो मुद्दों को भुनने का प्रयास करेगी। हालांकि पार्टी को 11 अप्रैल से शुरू होने वाले सात चरणों के चुनाव के अंत तक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को जिंदा रखना भी बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। दूसरी ओर राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस के लिए यह एक चुनौती हो सकती है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कई चरणों में होने वाले इस चुनाव से बीजेपी को कुछ फायदा भी पहुंच सकता है।

कांग्रेस मोदी सरकार के प्रति अपनी धारणा को और मजबूत करे

कांग्रेस मोदी सरकार के प्रति अपनी धारणा को और मजबूत करे

ऐसे में संभव है कि कांग्रेस को बेरोजगारी, कृषि संकट और मोदी सरकार के अधूरे वादों को बारे में अपनी धारणा को और मबजूत करे। क्योंकि पाकिस्तान के बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक ने चुनाव का रूप बदल दिया है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पास पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में उम्मीदें हो सकती हैं। पूर्व उत्तर प्रदेश के महासचिव के रूप में प्रियंका गांधी वाड्रा की नियुक्ती के कारण पार्टी को उत्तर प्रदेश में सुधार की उम्मीद है। इसके अलावा पार्टी को महाराष्ट्र और बिहार में भी अच्छी उम्मीद है, जहां के लिए जल्द ही गठबंधन की उम्मीद की जा रही है। इसी तरह से झारखंड और तमिलनाडु में गठबंधन को सील कर दिया गया है। हरियाणा में भी बदलाव की उम्मीद कर रहा है और और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में भी कांग्रेस को अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।

कब कितने चरणों में चुनाव

कब कितने चरणों में चुनाव

पंजाब में 19 मई को सातवें और आखिरी चरण के मतदान होंगे, बिहार और उत्तर प्रदेश में 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में मतदान होगा। हिमाचल प्रदेश में 19 मई और हरियाणा में आकिरी चरण में मतदान होगा और दिल्ली में 12 मई को वोटिंग होगी। मध्य प्रदेश और झारखंड में चार चरण में चुनाव होगा। आखिरी चरण के लिए 19 मई को वोटिंग होगी। राजस्थान में दो चरणों में चुनाव होंगे, जहां भाजपा ने 2014 में सभी सीटों पर जीत हासिल की थी, इस राज्य में 6 और 19 मई को वोटिंग होगी। महाराष्ट्र में वोटिंग पहले चरण में होगी। 11 अप्रैल, 18, 23 और 29 अप्रैल को चुनाव होंगे जबकि छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव कराया जाएगा। गुजरात, जहां 2014 के चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था, वहां तीसरे चरण में 23 अप्रैल को चुनाव होंगे। उत्तराखंड में 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान होंगे।

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कांग्रेस को मुद्दों को जिंदा रखना होगा

कांग्रेस को मुद्दों को जिंदा रखना होगा

लगभग डेढ़ महीने तक चलने वाले इस चुनाव प्रचार में अच्छा करने की उम्मीद कर रही कांग्रेस को अपने प्रचार अभियान को बनाए रखना होगा और मुद्दों को जिंदा रखना होगा। इसके लिए कांग्रेस को यह सोचना होगा कि वो राहुल गांधी की रैलियों पर ज्यादा फोकस करे। दूसरी ओर से भाजपा के पास हिंदी भाषी राज्यों में अपने अभियान के लिए प्लानिंग करने का समय आ गया है। जहां उसने साल 2014 के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन सत्ता विरोधी लहर और कांग्रेस के मैदान में आने के कारण चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। बीजेपी ने पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा और सरकार के काम करने की गति को लेकर मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। लेकिन विपक्ष के आरोप जैसे रोटी-कपड़ा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- गुजरात में प्रियंका गांधी की पहली चुनावी रैली, कहा- जागरूक बनिए, इससे बड़ी कोई देशभक्ति नहीं

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English summary
BJP likely to gain from multi-phase polling, but sustaining it a challenge in lok sabha elections 2019
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