एस जयशंकर और ब्रिटेन की विदेश सचिव के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता, रणनीतिक संबंध बेहतर करने पर जोर
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंची ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुलाकात की। दोनों के बीच बुनियादी ढांचे के निवेश के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर ध्यान देने के मुद्दों पर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई। इसके बाद एलिजाबेथ ट्रस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ भी बैठक की।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एस जयशंकर संग प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग का एक बड़ा क्षेत्र है। हम एक साथ बहुत कुछ कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार दोनों मंत्रियों ने 4 मई, 2021 को आयोजित भारत-यूके वर्चुअल समिट के दौरान लॉन्च किए गए रोडमैप 2030 की विस्तृत समीक्षा की।
बता दें कि भारत और यूके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के बीच एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद, रक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी 10-वर्षीय रोडमैप का अनावरण किया था। उन्होंने व्यापार साझेदारी की भी घोषणा की थी जिसके तहत वे एक व्यापक और संतुलित एफटीए पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए थे। इसमें एक अंतरिम व्यापार समझौता भी शामिल था ताकि इसके फायदे जल्द मिल सके।
EAM, Dr S Jaishankar, held bilateral talks with the visiting UK Foreign Secretary today. Both Ministers undertook a detailed review of the Roadmap 2030 launched during the India-UK Virtual Summit held on 4 May, 2021: Ministry of External Affairs (MEA) pic.twitter.com/rslmbKAzBY
— ANI (@ANI) October 22, 2021
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भारत आने से पहले ट्रस ने ट्वीट कर कहा था कि वह चाहती है कि यूके और भारत प्रौद्योगिकी, निवेश, सुरक्षा और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाएं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, यूके के लिए वह एक तकनीकी और आर्थिक महाशक्ति और एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार है। भारत और ब्रिटन के निकट संबंध तकनीक और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों सहित रोजगार और विकास प्रदान करेगा। इसके अलावा दोनों देश विकासशील विश्व अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देंगे।