OMG! दो साल पहले मर चुके टीचर को बिहार शिक्षा विभाग ने किया सस्पेंड, कहा- कॉपी चेक करने नहीं पहुंचा
नई दिल्ली। बिहार में लचर शिक्षा व्यवस्था का एक और उदाहरण सामने आया है जिसने प्रशासन की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। यहां छात्रों की आंसरशीट (उत्तर पुस्तिका) की जांच न करने पर कई शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है जिसमें एक उस शिक्षक का भी नाम है जिसकी मृत्यु दो साल पहले ही हो चुकी है। मामला मीडिया में सामने आने के बाद एक बार फिर बिहार सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।
पिछले महीने हुए थे इंटरमीडिएट के एग्जाम
बता दें बिहार शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई पिछले महीने हुए बोर्ड के इंटरमीडिएट के एग्जाम के सिलसिले में की थी। बताया जा रहा है कि सस्पेंड किए गए सभी शिक्षकों ने छात्रों की उत्तर पुस्तिका की जांच अभी तक नहीं की थी। इसी सिलसिले में बिहार के शिक्षा अधिकारी के ऑफिस से 28 फरवरी को एक आदेश जारी किया गया जिसमें कॉपी चेक नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है।
2 साल पहले मर चुके टीचर को किया सस्पेंड
हैरानी की बात यह है कि शिक्षा अधिकारी के इस आदेश में उस टीचर रंजीत कुमार यादव का भी नाम जोड़ा गया है जिसका निधन हुए 2 साल बीत चुके हैं। आदेश में कहा गया है कि रंजीत कुमार यादव को बेगूसराय स्थित एक सेंटर पर कॉपियों की जांच करनी थी लेकिन उन्होंने इस कार्य को पूरा नहीं किया है। मामला सामने आने के बाद बिहार शिक्षा विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अमित कुमार मिश्रा सामने आए और उन्होंने इस गलती पर संज्ञान लेते हुए कहा, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
टीचर्स के साथ प्रदर्शनकारी करते हैं मारपीट
बता दें कि बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा से पहले ही कॉन्ट्रेक्ट पर सेवाएं दे रहे शिक्षक स्थायी पद की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसके चलते 17 फरवरी को हड़ताल भी किया था। बिहार में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां सेंटर पर कॉपी चेक करने गए शिक्षकों के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। वह सेंटर जाते हैं तो प्रदर्शनकारी उनके साथ मारपीट करते हैं, ऐसे में कई अध्यापक कॉपी जांचने के लिए सेंटर पर जाने बचते हैं।
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