बिहार में गठबंधन में दरार की अटकलों के बीच यहां मिले BJP-JDU के नेता
नई दिल्ली- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) सोमवार को केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की इफ्तार पार्टी (Iftar Party) में एक साथ शरीक हुए हैं। दरअसल, ऐसी खबरें थीं कि बिहार में जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP) के नेता एक-दूसरे की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होना चाहते। लेकिन, पासवान की इफ्तार पार्टी में बिहार के गवर्नर लालजी टंडन (Lalji Tandon) के अलावा दोनों दलों के सभी बड़े नेता भी पहुंचे थे।
मंत्री पद को लेकर अनबन की खबरें
ऐसी खबरें हैं कि केंद्र की मोदी सरकार में जेडीयू (JDU) को सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री का ऑफर देने से नीतीश नाराज हैं। वैसे ये सच है कि जेडीयू (JDU) ने इसी वजह से मोदी कैबिनेट में शामिल होने का ऑफर ठुकरा दिया था। लेकिन, रविवार को नीतीश कुमार ने जिस तरह से अचानक अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और 8 नए मंत्रियों को शामिल किया उससे गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं होने का मैसेज जाना स्वाभाविक था। खासकर इसलिए भी क्योंकि बीजेपी के किसी नेता को कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं दी गई। इससे इन कयासों को और बल मिला कि दोनों पार्टियों में भीतर मतभेद पैदा हो चुके हैं। हालांकि, नीतीश ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, "कैबिनेट में जेडीयू कोटा के मंत्रियों की जगह खाली थी, इसलिए उसके नेताओं को शामिल किया गया है, बीजेपी के साथ कोई मुद्दा नहीं है, सबकुछ अच्छा है।"
एनडीए में सबकुछ ठीक- पासवान
एलजेपी (LJP) अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने भी दावा किया था कि बिहार में एनडीए और नीतीश कुमार या उनके नेताओं के बीच किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा था, "एनडीए में सबकुछ ठीक है। नीतीश कुमार हमारे नेता हैं। बहुत ज्यादा निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। कुमार ने भी कहा है कि वे एनडीए में थे और बने रहेंगे। इसके अलावा, सबको इकट्ठा रखने के लिए मैं हूं।"
बिहार में एनडीए को मिली है बड़ी जीत
2019 के लोकसभा चुनावों में बिहार में बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी गठबंधन ने 40 में से 39 सीटें जीती हैं। जेडीयू 17 सीटों पर लड़कर 16 जीती है और बीजेपी जिन 17 पर चुनाव लड़ी वो सारी सीटें और एलजेपी जिन 6 पर चुनाव लड़ी वो सभी सीटें जीत गई है। इस चुनाव में आरजेडी का खाता भी नहीं खुला है। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए दो-तीन दिनों में जिस तरह से दिल्ली से लेकर पटना तक की राजनीतिक गतिविधियां हुई हैं, उससे एनडीए (NDA) में दरार की अटकलों को हवा मिला है।
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