मद्रास HC ने दी एआर रहमान को बड़ी राहत, 6.79 करोड़ रुपये GST ना भरने का था आरोप, जानिए पूरा मामला
मुंबई। भारत के मशहूर गायक-संगीतकार एआर रहमान को राहत देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस के संचालन पर रोक लगा दी है, न्यायमूर्ति अनिता सुमंत ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए चेन्नई के जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद आयुक्त की ओर से 17 अक्टूबर 2019 को जारी नोटिस के संचालन पर चार मार्च तक के लिए रोक लगा दी है।
रहमान पर 6.79 करोड़ रुपये GST ना भरने का आरोप
मालूम हो कि एआर रहमान पर पिछले साल अक्टूबर में GST कमिशनर ने सर्विस टैक्स भुगतान ना करने का आरोप लगाया था, उन्होंने रहमान को अप्रैल 2013 से जून 2017 तक के लिए 6.79 करोड़ रुपये के बकाया सर्विस टैक्स और पेनल्टी के तौर पर भी 6.79 करोड़ रुपए भरने का निर्देश दिया था।
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रहमान ने दिया था ये तर्क
जिस पर रहमान ने कहा था कि कमिशनर ने उनकी कमाई के बारे में गलत अनुमान लगाया है,वो सिर्फ साउंड रिकॉर्डिंग सर्विस का टैक्स भर रहे थे क्योंकि कॉपीराइट का परमानेंट ट्रांसफर टैक्स के दायरे में नहीं आता है, एक संगीतकार कॉपीराइट अधिनियम के तहत अपने काम के लिए कॉपीराइट का पूर्णतया मालिक बन जाता है और बाद में फिल्म निर्माताओं को इस कापीराइट के अधिकारों का स्थायी हस्तांतरण, कर से मुक्त होता है, कोर्ट ने रहमान के इस तर्क को मानते हुए GST नोटिस पर रोक लगा दी है।
दो ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुके हैं रहमान
मालूम हो कि मशहूर संगीतकार एआर रहमान को उनकी फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' के लिए दो ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है, वह ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय संगीतकार हैं, रहमान को इसके अलावा एक बॉफ्टा अवॉर्ड, एक गोल्डन ग्लोब, 4 नेशनल फिल्म अवॉर्ड, 15 फिल्मफेयर अवॉर्ड और 13 फिल्मफेयर साउथ के अवॉर्ड मिल चुके हैं।