भोपाल गैस त्रासदी: 35 साल और उसके ज़ख्म
भोपाल गैस त्रासदी को 35 साल हो चुके हैं. 2-3 दिसंबर 1984 की रात को हुआ ये भयावह हादसा हज़ारों लोगों को निगल गया. भोपाल में यूनियन कार्बाइड कैमिकल प्लांट से निकली ज़हरीली गैस से 24 घंटों में तीन हज़ार लोगों की जान चली गई और हज़ारों उसके बाद अलग-अलग तरह की शारीरिक विसंगतियों का शिकार हो गए. कई लोगों को फेफड़ों संबंधी बीमारी हो गई
भोपाल गैस त्रासदी को 35 साल हो चुके हैं. 2-3 दिसंबर 1984 की रात को हुआ ये भयावह हादसा हज़ारों लोगों को निगल गया.
भोपाल में यूनियन कार्बाइड कैमिकल प्लांट से निकली ज़हरीली गैस से 24 घंटों में तीन हज़ार लोगों की जान चली गई और हज़ारों उसके बाद अलग-अलग तरह की शारीरिक विसंगतियों का शिकार हो गए.
कई लोगों को फेफड़ों संबंधी बीमारी हो गई तो कई ज़िंदगी भर के लिए विकलांग हो गए. वो बच्चे भी इसके कहर से न बच सके जो उस वक़्त गर्भ में थे.
फोटोग्राफ़र जूडा पासो ने उन लोगों की ज़िंदगी को तस्वीरों में उतारने की कोशिश की जो उस भयावह हादसे के जख़्मों के साथ जीने को मजबूर हैं.
सभी तस्वीरें फोटोग्राफर जुडा पासो की हैं.