भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने जामा मस्जिद पहुंच पढ़ी संविधान की प्रस्तावना, बोले- सीएए के खिलाफ सब साथ आएं
नई दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद दिल्ली की जामा मस्जिद पर पहुंचे हैं। चंद्रशेखर ने यहां नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपना समर्थन दिया। जामा मस्जिद पर जुटे लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, शांतिपूर्ण विरोध हमारी ताकत है। सभी धर्मों के लोग जो इस कानून के खिलाफ हैं वो हमारे साथ आएं और बताएं कि इस विरोध में मुसलमान अकेले नहीं हैं। इस दौरान आजाद ने संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी। 26 दिन पहले चंद्रशेखर को सीएए कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने पर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गुरुवार को ही अदालत ने दिल्ली छोड़ने की शर्त पर चंद्रशेखर को जमानत दी है।
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भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को गुरुवार रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है। जिसके बाद शुक्रवार सुबह वो सबसे पहले दिल्ली के रविदास मंदिर गए, फिर गुरुद्वारा और चर्च गए। इसके बाद अब वो जामा मस्जिद पहुंचे हैं। शुक्रवार शाम को वो अपने सहारनपुर में गांव चले जाएंगे क्योंकि अदालत ने चंद्रशेखर को चार सप्ताह के लिए दिल्ली न आने और 16 फरवरी तक किसी भी प्रदर्शन में शामिल ना होने की शर्त लगाई है।
चंद्रशेखर आजाद के संगठन भीम आर्मी ने 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। चंद्रशेखर को अदालत ने 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इसके बाद 16 जनवरी को उनकी रिहाई हुई।
तीस हजारी कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद चंद्रशेखर ने कहा कि वह आंदोलन जारी रखेंगे, आंदोलन तब तक संवैधानिक रूप से जारी रहेगा जबतक यह कानून वापस नहीं लिया जाता है. जो लोग मुल्क को बांटना चाहते हैं हम उनके खिलाफ हैं। उन्होंने जमानत की शर्तों को लेकर अदालत में अर्जी देने की भी बात कही है।
25 दिन बाद तिहाड़ जेल से रिहा हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद