डब्ल्यूएचओ के साथ भारत बायोटेक की 23 जून को बैठक, कोवैक्सीन पर होगा अहम फैसला
नई दिल्ली, जून 18: स्वेदेशी निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के लिए रूचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) प्रस्ताव को स्वीकार लिया है। भारत बायोटेक अगले बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अपनी प्री-सबमिशन मीटिंग करेगी। टीके को मंजूरी के संबंध में दस्तावेज सौंपे जाने के पहले 23 जून को डब्ल्यूएचओ के साथ बैठक होगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक इस बैठक में उत्पाद की विस्तृत समीक्षा नहीं की जाएगी लेकिन टीका निर्माता के पास टीके की गुणवत्ता को लेकर एक संक्षिप्त विवरण पेश करने का अवसर होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर डब्ल्यूएचओ ईयूएल-पीक्यू मूल्यांकन प्रक्रिया दस्तावेज में कोविड-19 टीकों की स्थिति पर यह जानकारी दी गयी है। बता दें कि, वैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।
भारत बायोटेक ने पिछले महीने कहा था कि उसे जुलाई-सितंबर के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन फॉर इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) से अपनी कोविड -19 वैक्सीन कोवैक्सिन के लिए मंजूरी की उम्मीद है। डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देश के मुताबिक आपात इस्तेमाल सूचीबद्ध (ईयूएल) ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत लोक स्वास्थ्य संकट के समय नए या गैर लाइसेंस प्राप्त उत्पादों के इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बोले- मोदी सरकार कृषि कानूनों पर बात करने के लिए तैयार
डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार, आपातकालीन उपयोग सूचीकरण (ईयूएल) उस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान नए या बिना लाइसेंस वाले उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्री-सबमिशन मीटिंग्स एक दवा डोजियर जमा करने से पहले सलाह और मार्गदर्शन का अवसर प्रदान करती हैं, साथ ही आवेदक को डब्ल्यूएचओ के दवा मूल्यांकनकर्ताओं से मिलने का अवसर प्रदान करती हैं जो उनके उत्पाद का आकलन करने में शामिल होंगे।
सूत्रों ने पूर्व में संकेत दिया था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने केंद्र को बता दिया है कि उसने कोवैक्सीन के लिए ईयूएल हासिल करने के संबंध में डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिया है। पिछले महीने टीका निर्माता ने केंद्र सरकार को बताया था कि बाकी दस्तावेज जून तक सौंप दिए जाने की संभावना है।