Bawana Fire: लाशों को देख डॉक्टर्स भी चीख पड़े थे, दिल दहला देंगी हादसे की ये तस्वीरें
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में अवैध रूप से चल रहे पटाखा गोदाम में शनिवार भीषण आग लगने से 10 महिलाओं सहित कुल 17 लोगों की मौत हो गई। कुछ लोग गायब बताए जा रहे हैं जिनके लिए ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि वो आग में बुरी तरह झुलस गए होंगे जिससे उनका शव भी बरामद नहीं हो सका। इस दर्दनाक हादसे में ज्यादातर मौतें इस वजह से हुईं क्योंकि जिस बिल्डिंग में आग लगी वो तीन तरफ से बंद है। आने-जाने के लिए मेन गेट है जहां आग लगी हुई थी। लोगों को भागने का मौका नहीं मिल पाया। विस्तार से जानिए सबकुछ
बीते 5 दिसंबर को ही किराए पर लिया गया था बिल्डिंग
पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि गोदाम मनोज जैन नामक शख्स का है, जिसने बीते 5 दिसंबर को ही इसे रेंट पर लिया था। यहां करीब 45 कर्मचारी काम करते थे, जो इसी बिल्डिंग की थर्ड फ्लोर पर रहते थे। पुलिस ने देर रात मनोज जैन को अरेस्ट कर लिया। उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
होली और स्टेज शो के लिए बड़े पैमाने पर हो रही थी पटाखों की पैकिंग
मनोज जैन ने पूछताछ में बताया है कि वह बड़े पैमाने पर होली और स्टेज शो के लिए बड़े पैमाने पर पटाखों की पैकिंग करवा रहा था। वहीं उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि बवाना हादसे की जांच प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को दे दी गई है।
शवों की हालत देख डॉक्टरों की भी निकली चीख
उस भयावह मंजर का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जब जली लाशों को महर्षि वाल्मीकि हॉस्पिटल पहुंचाया गया तो वहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर्स चीख पड़े। एक लाश देखकर तो डॉक्टरों को लगा ही नहीं कि वो इंसान की डेड बॉडी है। शव बिल्कुल सिकुड़ा था जिसे देख डॉक्टर खुद घबरा गए।
जो जहां था वहीं खाक हो गया
जानकारी के अनुसार जो 17 लोग मरे हैं वो जहां छिपे थे, वहीं झुलस गए। बताया गया कि अपनी जान बचाने के लिए कुछ लोग सीढ़ी के नीचे छिपने की कोशिश की। वहीं कुछ लोग पहली मंजिल पर चले गए। एक ने बेसमेंट में छिप कर अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन आग इतनी भयावह थी कि जो जहां छिपा था वहीं झुलसा हुआ मिला।
जिन शवों की पहचान हुई है
बेबी
देवी
(40
वर्ष)
अफसाना
(35
वर्ष)
सोनम
(23
वर्ष)
रीता
(18
वर्ष)
मदीना
(55
वर्ष)
रज्जो
(65
वर्ष)
धर्मा
देवी
(45
वर्ष)