Ayodhya Verdict: कौन हैं ASI के पूर्व डायरेक्टर केके मोहम्मद जिन्होंने कहा था कि अयोध्या में था राम मंदिर
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित जमीन पर अपना एतिहासिक फैसला सुना दिया है। पांच जजों का संवैधानिक पीठ जिसकी अगुवाई मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई कर रहे हैं, उसकी ओर से विवादित जमीन राम जन्मभूमि को देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस फैसले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की फाइंडिग्स को आधार माना गया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेश केके मोहम्मद ने कहा है कि फैसले के साथ ही उन्हें लग रहा है कि अब वह दोषमुक्त हो गए हैं। कौन हैं केके मुहम्मद और क्यों उन्होंने कहा है कि उन्हें आज बहुत राहत महसूस हो रही है।

जांच में मोहम्मद का अहम रोल
केके मोहम्मद, एएसआई के वह ऑफिसर हैं जिन्होंने इस पूरे मामले की जांच में अहम रोल अदा किया था। केके मोहम्मद ने कहा है कि एएससआई के पास जो पुरातत्व औ रएतिहासिक सुबूत थे उनके आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि विवादित स्थल पर एक विशाल मंदिर था। ऐसे में हमें वहां पर एक नया मंदिर बनाना चाहिए। 'मैं भारतीय हूं' किताब को लिखने वाले केके मोहम्मद ने एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि मुसलमान भी जानते हैं कि वहां पर पहले मंदिर था और वह कभी भी आगे आकर इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि वह इस मुद्दे को सुलझते हुए देखना नहीं चाहते हैं।

पद्म पुरस्कार से सम्मानित हैं मोहम्मद
केके मोहम्मद केरल के कॉलीकट के रहने वाले हैं वो पूर्व महानिदेशक एएसआई की बी बी लाल उस टीम का हिस्सा भी रहे हैं जिसने राम जन्म भूमि संबंधी पुरातात्विक खुदाई भी की थी। केके मोहम्मद को इस वर्ष पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के टूर गाइड के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह हमेशा से मानते आए हैं कि इस मुद्दे का हल देश के सामाजिक ढांचे को और मजबूत कर सकता है। साल 2013 से 2016 तक उन्होंने आगा खां ट्रस्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं।

हिंदूओं के लिए मक्का मदीना अयोध्या
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से आर्कियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले केके मोहम्मद की मानें तो अयोध्या हिंदूओं के लिए उसी तरह से महत्वपूर्ण है जैसे मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना। मुसलमानों के लिए यह जगह किसी भी तरह से पैगंबर साहब से जुड़ी नहीं है। जब उन्होंने उस ये बयान दिया था कि अयोध्या में राम का आस्तित्व है तो उन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा था। उस समय उन्होंने कहा था कि झूठ बोलने के बजाए वो अपना फर्ज निभाते हुए मरना पसंद करेंगे।