सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले राम मंदिर मुद्दे पर क्या बोले भाजपा नेता कल्याण सिंह
नई दिल्ली। बहुचर्चित अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब इस केस के फैसले पर सभी की नजरें जमीं हैं। वहीं, अयोध्या मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कल्याण सिंह का कहना है कि अभी विवादित स्थल के मसले पर अदालत के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए, इस मुद्दे पर अभी कोई टिप्पणी करना अनुचित है।
सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए- कल्याण सिंह
दिवाली के मौके पर अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कल्याण सिंह ने एक सवाल पर कहा कि सभी को सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए। इस पर किसी तरह की टिप्पणी उचित नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना चाहिए, किसी भी पक्ष की तरफ से पहले कोई भी बयान देना उचित नहीं है।' पूर्व सीएम से पूछा गया गया था कि कुछ बीजेपी नेता अयोध्या में विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निकट भविष्य में अपना फैसला दिए जाने की संभावना के मद्देनजर मंदिर निर्माण पर बयान दे रहे हैं।
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अभी कोई टिप्पणी करना उचित नहीं- कल्याण सिंह
कल्याण सिंह ने कहा कि अब फैसले में ज्यादा देर नहीं है, सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर होने से पहले फैसला देकर जाएंगे। लेकिन वे क्या फैसला देंगे, वो तब ही पता चलेगा। बता दें कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के नेतृत्वकर्ताओं में शामिल रहे हैं। कल्याण सिंह 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। अयोध्या मामले में 16 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार
मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गईं थीं, अदालत ने मई 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। अब इन 14 अपीलों पर सुनवाई पूरी हो गई है और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।