वाजपेयी ने भारत की विदेश नीति को आकार देने में परिवर्तनकारी भूमिका निभाई: जयशंकर
नई दिल्ली। atal bihari vajpayee jayanti: विदेश मंत्री एस जयशंकर(S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि, पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी(Atal Bihari Vajpayee) ने भारत की विदेश नीति को आकार देने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई, जिसने अमेरिका के साथ संबंधों में एक नई शुरुआत की। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शीतयुद्ध के बाद की दुनिया के बारे में व्यापक समझ थी। जिसका असर भारत-अमेरिका संबंधों पर देखने को मिला।
Recommended Video
दिवंगत वाजपेयी की 96वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जयशंकर ने कहा किदिग्गज नेता ने विभिन्न क्षेत्रों और महादेशों तक गर्मजोशी से पहुंच बनाई जिसने भारत के लिए यूरोप, अफ्रीका, लातिन अमेरिका और आसियान के देशों सहित भारत के संपूर्ण विदेशी संपर्कों के विस्तार का आधार तैयार किया। हाल के वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और प्रतिबद्धता से अटलजी की भारत-अमेरिका सहयोग की दृष्टि उन्नत हुई है। इतिहास की हिचकिचाहटों को दूर करते हुए हम आज समकालीन चुनौतियों और उभरते अवसरों को संबोधित करने पर केंद्रित हैं।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ पारस्परिक सम्मान और साझा संवेदनशीलता पर आधारित संपर्क वाजपेयी की सोच को प्रदर्शित करता है। जयशंकर ने कहा कि पड़ोस के प्रति वाजपेयी ने शुभेच्छा और मित्रता को प्रदर्शित किया था और साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि आतंकवाद तथा संबंध एक साथ नहीं चल सकते। जयशंकर ने कहा कि पड़ोस के देश के प्रति भी वाजपेयी ने एक नई शुरुआत की थी।
विदेश मंत्री ने वाजपेयी के 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण करने के निर्णय को सबसे महत्वपूर्ण करार दिया। जयशंकर ने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और उनकी विरासत को देखें तो इसमें कोई सवाल ही नहीं है कि जब भारत की विदेश नीति का विषय आता है तो वह परिवर्तनकारी नेता थे। उनमें अंतर्ज्ञानमूलक समझ थी जो शीतयुद्ध के बाद की दुनिया में भारत के अपने हितों एवं संबंधों को नए सिरे से साधने के लिए जरूरी थे।