बंगाल चुनाव के लिए ओवैसी ने तय की रणनीति, AIMIM सिर्फ इन जिलों पर करेगी फोकस
नई दिल्ली- हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहाद ए-मुस्लिमीन ने आज पश्चिम बंगाल में पार्टी की लॉन्चिंग फाइल कर ली है। ओवैसी ने रविवार को भी हैदराबाद में पश्चिम बंगाल में पार्टी की औपचारिक लॉन्चिंग के लिए अपने संगठन की टीम के साथ एक बैठक की। इस बैठक में ओवैसी के पहली की उस घोषणा पर औपचारिक मुहर लगा दी गई है कि एमआईएम अगले विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में मैदान में उतरेगी, जिसमें अब 6 महीने से कम वक्त बचा है। इस बैठक में पार्टी ने यह भी तय किया है कि ज्यादा सीटों पर लड़ने की बजाय उन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो जीतने वाली सीटें होंगी।
फिलहाल बंगाल में किसी को नेता नहीं घोषित करेगी पार्टी
असदुद्दीन ओवैसी की साथ हैदराबाद में हुई बैठक में बंगाल से पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेता जैसे जमीरुल हसन और इमरान सोलंकी और कोलकाता से जिला-स्तरीय नेता सैयद दिलावर हुसैन, दक्षिण 24 परगना से अजीजुल हसन और मुर्शीदाबाद से असदुल शेख जैसे लोग शामिल हुए। वहीं इस मीटिंग में ओवैसी के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार और हैदराबाद के पूर्व मेयर माजिद हुसैन भी मौजूद रहे। बता दें कि इस समय बंगाल में एमआईएम का कोई ठोस औपचारिक संगठन नहीं है, लेकिन प्रदेश और कई जिलों में जिला स्तर पर कई नेता जरूर हैं। इस बैठक में शामिल एक नेता ने नाम नहीं जाहिर होने देने की शर्त पर कहा है कि इस वक्त के लिए ये फैसला हुआ है कि पार्टी अपनी बंगाल यूनिट के लिए किसी को भी नेता घोषित नहीं करेगी।
बंगाल चुनाव को लेकर मैराथन मंथन
अलबत्ता पार्टी सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने माजिद हुसैन को बंगाल मामलों का प्रभारी नियुक्त कर दिया है। अब तक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता असीम वकार बंगाल मामलों का जिम्मा संभाल रहे थे। यह भी तय है कि वकार के पास मौजूदा जिम्मेदारी भी बरकरार रहेगी। बंगाल से एमआईएम के एक नेता ने कहा, 'अभी के लिए यह तय किया गया है कि हम लोग सामूहिक नेतृत्व पर निर्भर रहेंगे। डिस्ट्रिक्ट यूनिट सीधे माजिद हुसैन को रिपोर्ट करेगी, जो अगले दो हफ्तों में बंगाल का दौरा करेंगे और जिला और प्रदेश स्तरीय कमिटी फाइनल करेंगे।' बैठक में मौजूद एक और नेता ने भी इन फैसलों की पुष्टि की है, लेकिन पार्टी की अंदरूनी बात बताकर अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की गुजारिश की है। उस नेता ने कहा है कि 'दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में हम जिला और प्रदेश कमिटियों के औपचारिक ऐलान की उम्मीद कर रहे हैं।' बंगाल से हैदराबाद आए ये नेता सोमवार को वापस कोलकाता लौट जाएंगे।
जीतने लायक सीटों पर ही लड़ेगी एमआईएम
एमआईएम की बैठक में सबसे बड़ी बात यह निकली कि पार्टी ने प्रदेश में मौजूद अपने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए यह फैसला किया है कि चुनिंदा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी नेता ने कहा, 'हम जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बहुत ज्यादा सीटों पर लड़ने की कोशिश करने से उन सीटों पर फोकस कम होगा, जिसके जीतने की हम उम्मीद कर सकते हैं। इसलिए, ज्यादातर जीतने वाली सीटों के हिसाब से सीटों को चुना जाएगा........ '
बंगाल के 8 जिलों पर ओवैसी का फोकस
एमआईएम जिन जिलों की सीटों को जीतने वाली मानकर आने वाले चुनावों में फोकस करने वाली है, वे हैं मुर्शीदाबाद, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, कूच बिहार, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी 24 परगना, कोलकाता और बीरभूम। गौरतलब है कि मालदा, मुर्शीदाबाद और उत्तरी दिनाजपुर जिले बिहार के सीमांचल इलाके से सटे हुए हैं, जहां नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटें जीती थी।
सिर्फ मुस्लिम बहुल सीटों पर रहती है नजर
बता दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक बंगाल में मुसलमानों की आबादी 27.01% थी और कुछ सर्वे में दावा किया गया है कि विधानसभा की 294 सीटों में से 120 सीटों पर मुस्लिम वोटर प्रभावी भूमिका निभाने की स्थिति में हैं; और ओवैसी हैदराबाद से लेकर देश के किसी भी कोने में चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो उनका एकमात्र टारगेट मुसलमानों की आबादी ही होती है। फिलहाल बंगाल के लिए पार्टी जिन जिलों में फोकस कर रही है, वहां मुसमान में भारी तादाद में हैं।
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