केजरीवाल बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान और दिल्ली की जनता के खिलाफ
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एके सीकरी की अगुवाई वाली बेंच ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सहित एंटी करप्शन ब्यूरो का अधिकार केंद्र दिया हैं। जिसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए। फैसले के बाद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सुप्रीम कोर्ट के पैसले को जनता और लोकतंत्र के खिलाफ बताया। केजरीवाल ने कहा कि जब उनके पास किसी तरह का अधिकार ही नहीं होगा तो वे दिल्ली में सरकार किस तरह से चलाएंगे।
केजरीवाल ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि, आज सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया है, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और दिल्ली के लोगों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन ये फैसला दिल्ली और दिली की लोगों के लिए अन्याय है। अगर कोई अधिकारी काम नहीं करेगा तो सरकार कैसे चलेगी। हमें 70 में से 67 सीटें मिली लेकिन हम ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं कर सकते।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, मुख्यमंत्री के पास एक चपरासी को भी ट्रांसफर करने की पावर नहीं है, यह गलत जजमेंट है। शीला दीक्षित का मैं बहुत सम्मान करता हूं, उन्हें हमारी मदद करनी चाहिए। उन्होंने जितने काम अपने कार्यकाल में किए उससे ज्यादा हमने अपने 4 साल में किए हैं। अगर हमारे पास किसी की भ्रष्टाचार की शिकायत आती है तो अगर एसीबी हमारे पास नहीं है तो हम क्या कार्रवाई करेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि, जिस पार्टी को 3 सीट मिली उसके पास ट्रांसफर-पोस्टिंग का पावर होगा। ये कैसा जनतंत्र है। ये कैसा ऑर्डर है।अगर सारी ताकत विपक्षी पार्टी को दे दी जाए तो वो काम ही नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में कोई भ्रष्टाचार करता है तो उन्हें उसपर कार्रवाई करने के लिए बीजेपी के पास जाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान और लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ है। केजरीवाल ने कहा कि इसकी चाबी दिल्ली की जनता के पास है।
हमारे पास रिव्यू का ऑप्शन है। अगर हमें फ़ाइल क्लियर करने के लिए एलजी ऑफिस में धरना देना पड़े तो कैसे सरकार चलेगी। इस लोकसभा चुनाव में आप पीएम बनाने के लिए वोट मत डालना। इस बार आप दिल्ली को पूर्ण राज्य का अधिकार दिलाने के लिए वोट डालना।दिल्ली के लोग हमें सातों सीट पर जीत दिलाएं तो हम वादा करते हैं कि हम केंद्र को दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए उनको बाध्य कर देंगे। हमारे मन में देश को लेकर चिंता है। 5 साल में देश के अंदर भाईचारे को खत्म किया गया। नोटबंदी की गई, लाखों लोग बेरोजगार हुए।सारे इंस्टीट्यूशन खत्म कर दिए गए हैं।
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