नगदी की समस्या रहेगी बरकरार, पूरे बंद हुए नोट नहीं छापेगी सरकार
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि विमुद्रीकरण के फैसले के तहत 500-1000 रुपए के प्रतिबंधित नोटों की संख्या के बराबर नए नोट फिर से नहीं छापे जाएंगे।
नई दिल्ली। देश में विमुद्रीकरण के फैसले के बाद पूरा देश जहां एक तरफ एटीएम और बैंक से रुपए न मिलने की किल्लत से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि विमुद्रीकरण के फैसले के तहत 500-1000 रुपए के प्रतिबंधित नोटों की संख्या के बराबर नए नोट फिर से नहीं छापे जाएंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटजी ने बताया कि नोटबंदी के चलते 15.44 लाख करोड़ रुपए की बंद हुई करेंसी के बराबर नोट छापे जाएं या बिल्कुल भी जरूरी नहीं है।
जेटली ने साफ किया कि नोटबंदी के बाद कम हुई नगदी की समस्या को डिजिटल करेंसी के जरिए पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा करके बाजार में डिजिटल पेमेंट और डिजिटल बैंकिंग को आगे लाया जाएगा। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिक्की की 89वीं वार्षिक बैठक में कही।
जेटली ने कहा कि दुनिया की आगे आती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों को देखने पर पता चलता है कि भारत में दूसरे देशों से ज्यादा अच्छे बदलाव आ रहे हैं। पूरी दुनिया जो कभी भारत को अस्थिर अर्थव्यवस्था का हिस्सा मानती थी वो आज भारत को उभरती हुई अर्थव्यवस्था बता रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि आरबीआई बाजार की स्थिति के हिसाब से नए नोट छापने का काम कर रहा है। जैसे-जैसे डिजिटल पेमेंट की संख्या रफ्तार लेगी, वैसे-वैसे स्थिति सुधरती जाएगी।