भारत में आम आदमी को कैसे मिलता है Arms का लाइसेंस, क्या हैं नियम?
भारत में आम नागरिकों को एक निश्चित प्रक्रिया के तहत हथियारों के लाइसेंज जारी किए जाने का प्रावधान है। इसी के तहत भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को यह दिया गया है। आर्म्स एक्ट 1959 में इसका प्रावधान है।
How to get Arms license in India: भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सेल्फ डिपेंस के लिए सरकार ने आर्म्स लाइसेंस दिया है। क्योंकि, उनके विवादित बयान के बाद से उनकी जान पर खतरा मंडरा रहा है। इसलिए एक आम आदमी के लिए यह जानना जरूर है कि आखिर आर्म्स या शस्त्र का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया क्या है? यह किसे और किस आधार पर मिल सकता है? आर्म्स लाइसेंस लेने के लिए कैसे आवेदन करना होता है ? और किस तरह के आर्म्स लाइसेंस मिल सकते हैं? यही नहीं लाइसेंस मिलने के बाद हथियारों और कारतूस खरीदने, उसे रखने और बाकी की प्रक्रिया क्या है?
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आत्मरक्षा के लिए आर्म्स लाइसेंस देने की व्यवस्था है
आर्म्स (बंदूक, पिस्तौल, राइफल) की आवश्यकता यूं तो सुरक्षाकर्मियों को पड़ती है। लेकिन, भारत में और दुनिया के बाकी देशों में भी जरूरत पड़ने पर सेल्फ डिफेंस या आत्मरक्षा के लिए आम नागरिकों को भी आर्म्स लाइसेंस उपलब्ध करवाए जाने की व्यवस्था है। लेकिन, इसके लिए जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना होता है और जब सरकार तसल्ली कर लेती है कि वाकई किसी नागरिक को आर्म्स का लाइसेंस जारी करना आवश्यक है, तभी यह जारी किया जाता है। इसके बाद ही कोई नागरिक लाइसेंस के मुताबिक संबंधित हथियारों और कारतूस (गोलियों) की खरीद कर सकता है। बगैर लाइसेंस के हथियार रखना आर्म्स ऐक्ट के प्रावधानों के तहत जुर्म है।
आर्म्स लाइसेंस के लिए क्या योग्यता चाहिए ?
आर्म्स ऐक्ट 1959 के तहत 21 साल या उससे अधिक के भारतीय नागरिक को उसकी जान पर संभावित खतरे को देखते हुए आत्मरक्षा के लिए चुनिंदा हथियारों के लाइसेंस देने की व्यवस्था है। लेकिन, शर्त यह है कि वह व्यक्ति मानसिक और शारीरिक तौर पर पूरी तरह से फिट हो। व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड ना हो। जिसे लाइसेंस दिया जा रहा है, उसपर कोई सरकारी देनदारी भी नहीं होनी चाहिए।
शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन
सेल्फ डिफेंस के लिए हथियार के लाइसेंस जारी करने के लिए आवेदन फॉर्म निर्धारित है। आज की तारीख में विभिन्न राज्यों में ऑनलाइन आवेदन भी किया जाता है। इसमें आवेदक का नाम, पिता का नाम, जन्मस्थान से लेकर शिक्षा, रोजगार या कारोबार का पूरा ब्योरा देना होता है। नजदीकी पुलिस स्टेशन और स्थायी पता का ब्योरा देना भी आवश्यक है। आवेदक को आवेदन पत्र में ही जिस तरह का हथियार चाहिए और क्यों चाहिए, इसका ब्योरा भी देना होता है।
आर्म्स लाइसेंस के लिए आवश्यक दस्तावेज
शस्त्र का लाइसेंस लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में पासपोर्ट साइज फोटो, जन्म का प्रमाण पत्र, पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड या वैकल्पिक। आवास का प्रमाण पत्र। एमबीबीएस डॉक्टर से मानसिक और शारीरिक फिटनेस का निर्धारित प्रमाण पत्र। आयकर रिटर्न, संपत्ति की जानकारी आदि से संबंधित कागजात भी चाहिए होते हैं।
आर्म्स लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया
बिहार में कमिश्नर रैंक के पद से रिटायर्ड एक आईएएस अधिकारी हृदय नारायण झा ने बताया कि आवदेन फॉर्म भरने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो आर्म्स लाइसेंस जारी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। पुलिस वेरिफिकेशन से ही आवेदक के क्रिमिनल रिकॉर्ड की पड़ताल होती है। एसएचओ, इंस्पेक्टर और एसपी रैंक के अफसरों से वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह आवेदन एसडीएम स्तर के अधिकारी के माध्यम से जिला अधिकारी या कलेक्टर तक पहुंचता है। संदेह की स्थिति में इंटेलिजेंस की भी मदद ली जा सकती है। आर्म्स लाइसेंस जारी करने का अधिकार जिला मैजिस्ट्रेट को ही प्राप्त है और वह सभी बातों को ध्यान में रखकर ही अपने विवेकानुसार फैसला लेता है। लाइसेंस जारी होने की कोई निश्चिचत सीमा नहीं है। यह एक महीने में भी मिल सकता है और कई महीने भी लग सकते हैं। या फिर आवेदन खारिज भी किया जा सकता है।
लाइसेंस मिलने के बाद ही आर्म्स खरीदें
आपको जिला मैजिस्ट्रेस से जिस आर्म्स के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है, वह हथियार आप किसी सरकारी मान्यता प्रात दुकान से ही खरीद सकते हैं। लेकिन, यहां से भी आप हथियार सीधे घर नहीं ले जा सकते। आपको संबंधित पुलिस स्टेशन और प्रशासन के पास उसका पूरा ब्योरा नोट करवाना पड़ता है। जब सारा रिकॉर्ड सरकार के पास दर्ज हो जाता है, तब आप उसे अपने घर ले जा सकते हैं और उस हथियार की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आपकी है। आपको उसे किसी सुरक्षित स्थान पर ही रखना है।
कारतूस (Bullet) के लिए क्या करना है ?
आपको बंदूक मिली है तो गोलियों की भी आवश्यकता होगी। लेकिन, इसके लिए कोटा निर्धारित रहता है। आपको एक-एक गोली का हिसाब रखना होगा। आप यदि इसका दुरपयोग करते हैं, आपका लाइसेंस कैंसिल भी हो सकता और आपके खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई भी हो सकती है।
लाइसेंस रिन्यूअल की प्रक्रिया
किसी भी व्यक्ति को सरकार अनिश्चितकाल के लिए हथियारों के लाइसेंस नहीं देती। आज की तारीख में हर पांच साल बाद इसका रिन्यूअल करवाना जरूरी है। इतना ही नहीं एक व्यक्ति को एक बार में दो से ज्यादा हथियारों के लाइसेंस नहीं दिए जाते। इसके साथ ही लाइसेंसधारी की यह भी जिम्मेदारी है कि अगर प्रशासन की ओर से कहा जाए तो वह तत्काल लाइसेंसी हथियार सरकार के पास जमा करा दे। आमतौर पर चुनावों के दौरान यह एक परंपरागत प्रक्रिया बन चुकी है। (तस्वीरें- प्रतीकात्मक)