कुतुब मीनार की खुदाई वाली खबर का संस्कृति मंत्री ने किया खंडन, कहा- ऐसा कोई फैसला हमने नहीं लिया
नई दिल्ली, 22 मई: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद जारी है। इस बीच दिल्ली के कुतुब मीनार को लेकर दावा किया गया कि इसे हिंदू सम्राट राजा विक्रमादित्य द्वारा बनाया गया था। साथ ही वहां पर हिंदू देवताओं की मूर्तियां हैं। रविवार सुबह खबर आई कि संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को कुतुब मीनार में मूर्तियों की आइकोनोग्राफी करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई फैसला उनके मंत्रालय ने नहीं लिया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि मंत्रालय के आदेश के बाद 12 लोगों की टीम ने कुतुब मीनार का निरीक्षण किया, जिसमें संस्कृति सचिव गोविंद मोहन भी शामिल थे। इस टीम में तीन इतिहासकारों को भी रखा गया है, ताकि वो वहां से मिली चीजों के इतिहास के बारे में बता सकें। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि मीनार के दक्षिण और मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई का काम होगा। इस प्रोजेक्ट में अनंगताल और लालकोट किले को भी शामिल किया जाएगा, लेकिन संस्कृति मंत्री इन बातों से साफ इनकार कर रहे हैं।
कुतुब मीनार के बाहर हिंदू संगठन का प्रदर्शन, नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करने की मांग
इससे पहले एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा ने दावा किया था कि कुतुब मीनार का निर्माण राजा विक्रमादित्य द्वारा किया गया था। इस मीनार और कुतुब-उद-दीन ऐबक को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, वो गलत है। वहीं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) प्रवक्ता विनोद बंसल का दावा है कि कुतुब मीनार वास्तव में 'विष्णु स्तम्भ' था और संरचना का निर्माण 27 हिंदू-जैन मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से किया गया। इस वजह से इसका नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ करने की मांग की जा रही है। वहीं इसके अंदर 200 साल पुरानी भगवान नरसिंह, भगवान गणेश और भगवान कृष्ण की मूर्तियों के होने का भी दावा किया जा रहा है।