अमेरिकी विदेश मंत्री की सिविल सोसायटी के लोगों से मुलाकात, भारत और चीन को दिया संदेश
नई दिल्ली, 28 जुलाई: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। एक तरफ ब्लिंकन ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकार को लेकर भारत को एक मैसेज दिया तो वहीं दिल्ली में दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात कर चीन को भी कड़ा संदेश दे दिया है।
बुधवार को दिल्ली में अमेरिकी विदेश मंत्री ने दलाई लामा के प्रतिनिधि और सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की। इस बैठक में अंतर-धार्मिक संबंध, मीडिया की स्वतंत्रता, किसानों का विरोध, लव जिहाद के नाम पर हिंसा और अल्पसंख्यक अधिकार जैसी बातों पर चर्चा हुई। जाहिर है कि इन मुद्दों को लेकर बीते कुछ समय से लगातार भारत सरकार निशाने पर है, तो इन मुद्दों पर बात कर एक तरह से अमेरिका का रुख दिखाया है। वहीं दलाई लामा के प्रतिनिधि से मिल चीन को भी संदेश दिया है कि तिब्बत को लेकर उसके रुख से अमेरिका इत्तेफाक नहीं रखता है। ये कहा भी जा रहा है कि इस 'सिविल सोसायटी राउंड टेबल चर्चा,को लेकर भारत सरकार की ओर से कुछ चिंताएं आ सकती हैं। वहीं चीन इस पर अपना विरोध जता सकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटिनी ब्लिंकन मंगलवार की शाम दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हैं। जिसके बाद बुधवार को उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों में चीन सीमा विवाद, अफगानिस्तान, कोरोना वैक्सीन समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारतीय नेताओं के सामने मानवाधिकार का मुद्दा उठाने को लेकर हुए सवाल पर ब्लिंकन ने कहा कि हमने अभी तक पहले से तय मुद्दों पर बात की है। अगर हम परफेक्ट यूनियन की खोज करते हैं, तो इसका मतलब है कि हम परफेक्ट नहीं हैं। कोई भी लोकतंत्र चाहे वो कितना पुराना या बड़ा हो, वो बिना मानवाधिकार के बिना पूर्ण नहीं है।
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