नेताजी के बारे में खुफिया जानकारी ब्रिटेन के साथ साझा की जाती थी
नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गोपनीय दस्तावेज एक-एक करके अब लोगों के सामने आ रहे हैं। बोस से जुड़ा एक और सनसनीखेज पत्र सामने आया है जिसने जबरदस्त खलबली मचा दी है। इस पत्र में खुलासा हुआ है कि भारत आजादी के बाद भी ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-5 के साथ भारत बोस सहित अन्य खुफिया जानकारी साझा करता था।
भारत के एक वरिष्ठ आईबी अधिकारी ने 6 अक्टूबर 1947 को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने नेताजी के भतीजे अमिया बोस के बारे में अहम जानकारी को नांबियर जोकि स्विटजरलैंड में रहते थे उनके साथ साझा की थी।
बालाकृष्ण शेट्टी जो कि तत्कालीन आईबी के डेप्यूटी डायरेक्टर थे उन्होंने केएम बोर्न जोकि भारत में सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को साझा करने के अधिकारी थे उन्हें एक पत्र लिखा था। शेट्टी देश के पहले आईबी हेड संजीवी पिल्लई के साथ काम करने वाले अधिकारी भी थे। उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा है कि जो खुफिया पत्र उन्होंने लिखा था उसे उन्होंने नांबिया के साथ भी साझा किया है।
नांबियर एक पत्रकार थे जोकि 1924 में नेहरू और नेताजी के साथ बर्लिन में साथ गये थे। नांबियर के नेताजी को लिखे पत्रों की जासूसी हमेशा होती रही थी। 2014 के राष्ट्रीय आर्काइव से जो दस्तावेज सामने आये हैं उससे साफ होता है कि नांबियर सोवियत के जासूस थे। शेट्टी ने जो पत्र नांबियर को लिखा था उसमें उन्होंने लिखा है कि हम इस बारे में आपकी राय जानकर काफी खुशी होगी।