फिर आया Aadhaar डेटा लीक होने का मामला, सिर्फ Google टाइप करें 'Mera Aadhaar Meri Pehchan'
फिर आया Aadhaar डेटा लीक होने का मामला, सिर्फ
नई दिल्ली। एक ओर सरकार और उसके मंत्री यह दावा कर रहे हैं कि आधार कार्ड का डेटा लीक नहीं हो सकता। सरकार उसकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रही है और उस पर काफी खर्च हो रहा है। वहीं दूसरी ओर आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें आधार कार्ड का डेटा लीक हो रहा है। ताजा मामला भी आधार कार्ड के डेटा के लीक होने से जुड़ा है हालांकि इस बार सिर्फ गूगल करने से ही आपको डेटा मिल जाएगा।अंग्रेजी समाचार वेबसाइट द क्विंट के अनुसार Google पर एक सर्च के जरिए ही कोई भी आपके आधार की जानकारी इकट्ठा कर सकता है। लीक होने वाली जानकारियों में नाम, पता, आधार संख्या, जन्मतिथि और तस्वीर शामिल हैं, जो स्पष्ट रूप से इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि इसमें बायोमेट्रिक डेटा लीक नहीं हुआ है। क्विंट के अनुसार लीक हुए डेटा के बारे में जानने के लिए 'Mera Aadhaar Meri Pehchan' टाइप करने से ही मिल जाएगा।
इन वेबसाइट्स पर लीक हुआ डाटा
जिन साइटों ने सार्वजनिक रुप से लोगों का आधार विवरण को अपलोड किया है, उसमें इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फर्मेशन सर्विसेज (www.incois.gov.in) की आधिकारिक सरकारी वेबसाइट, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की आधिकारिक वेबसाइट (www.the-aiff.com) और हैदराबाद में स्थित एक निजी कंपनी स्टारकार्ड इंडिया (http://starcardsindia.com) की वेबसाइट, शामिल है। यह कंपनी भुगतान गेटवे सेवा प्रदाता, मोबाइल एप डिजाइन और डेवलपमेंट का काम करती है।
फ्रेंच हैकर ने किया था खुलासा
इससे पहले । एक फ्रेंच हैकर ने आधार डेटा की सुरक्षा की पोल खोल दी थी। हैकर ने मिनटों में सरकारी वेबसाइट को हैक कर आधार डेटा की सुरक्षा से पर्दा उठा दिया था। फ्रेंच हैकर एलियट एल्डर्सन ने ट्विटर पर कुछ स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं, जो आधार डेटा की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार के दावों की पोल खोल रही है। हैकर ने बताया कि किस तरह से सरकारी वेबसाइटों पर आधार कार्ड की स्कैन और बायोमेट्रिक डिटेल को खुला छोड़ दिया जाता है और आपकी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जाता है।
कुछ मिनटों में हैक हुआ डाटा
एलियट ने बताया कि किस तरह से उन्होंने मिनटों में आंध्र प्रदेश सरकार की वेबसाइट से ये डेटा हैक किए। उन्होंने इस तरह की कोशिश पहले भी की और सरकारी एजेंसी के दावों की पोल खोली है। एलियट ने बायॉमेट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा पर आधारित 12 अंकों के यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर की खामियों को सामने लाकर सरकार को सचेत किया है।