अनिल बोकिल के कहने पर पीएम मोदी ने बैन किए नोट, जानिए इनके बारे में
अनिल बोकिल ने पीएम मोदी को प्रस्ताव दिया था कि वह कालेधन पर रोक लगाने के लिए बाजार से 1000 रुपए और 500 रुपए के सभी नोट वापस ले लें।
नई दिल्ली। जहां एक ओर देश भर के लोग मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए जाने को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि आखिर यह पीएम मोदी ने खुद से किया है, या फिर किसी और के कहने पर ये फैसला लिया है।
दरअसल, क्योरा नाम की एक सवाल-जवाब वाली वेबसाइट पर अनिल बोकिल नाम के एक शख्स की खूब चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी द्वारा उठाए गए इस अहम कदम के पीछे इसी शख्स का दिमाग है। आइए जानते हैं आखिर लोग ऐसा क्यों कह रहे हैं।
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पीएम मोदी को दिया था प्रस्ताव
दरअसल, अनिल बोकिल ने पीएम मोदी को प्रस्ताव दिया था कि वह कालेधन पर रोक लगाने के लिए बाजार से 1000 रुपए और 500 रुपए के सभी नोट वापस ले लें। यही कारण है कि इस समय अनिल चर्चा में आ गए हैं और लोग कह रहे हैं कि इन्ही के प्रस्ताव पर अमल करते हुए पीएम मोदी ने ये अहम कदम उठाया है। हालांकि, मोदी सरकार की तरफ से अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है कि उन्होंने किसके प्रस्ताव पर ये कदम उठाया।
कौन हैं अनिल बोकिल
अनिल बोकिल अर्थक्रान्ति संस्थान के एक प्रमुख सदस्य हैं। आपको बता दें कि अर्थक्रांति संस्थान महाराष्ट्र के पुणे का एक संस्थान हैं, जो एक इकोनॉमिक एडवाइजरी बॉडी की तरह काम करता है। इस संस्थान में चार्टर्ट अकाउंटेट और इंजीनियर सदस्य हैं।
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9 मिनट टाइम देकर 2 घंटे सुना था पीएम मोदी ने
अर्थक्रान्ति की वेबसाइट पर किए गए दावे के अनुसार जब अनिल बोकिल अर्थक्रान्ति की तरफ से तैयार किए गए 'अर्थक्रान्ति प्रपोजल' को मोदी के सामने बता रहे थे, जो शुरुआत में उन्हें सिर्फ 9 मिनट का वक्त दिया गया था। लेकिन पीएम मोदी को उनके प्रस्ताव और बातें इतनी पसंद आईं कि वह अनिल बोकिल को 2 घंटे तक सुनते रहे।
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अर्थक्रान्ति प्रपोजल में थे 5 प्वाइंट
अर्थक्रान्ति प्रपोजल में 5 प्वाइंट थे, जिन्हें पीएम मोदी के सामने प्रस्तुत किया गया था। आइए जानते हैं क्या थे वो 5 प्वाइंट-
1-
सभी
56
टैक्सों
को
खत्म
कर
दिया
जाए,
जिसमें
इनकम
टैक्स
और
इंपोर्ट
ड्यूटी
को
भी
खत्म
करने
का
प्रस्ताव
था।
2-
बाजार
से
100,
500
और
1000
रुपए
के
सभी
नोट
वापस
ले
लिए
जाएं।
3-
सभी
अधिक
कीमत
के
ट्रांजैक्शन
सिर्फ
बैंकिंग
सिस्टम
के
जरिए
ही
किए
जाएं,
जैसे
चेक,
डीडी,
ऑनलाइन
आदि।
4-
कैश
ट्रांजैक्शन
की
लिमिट
को
निर्धारित
किया
जाए
और
कैश
ट्रांजैक्शन
पर
कोई
टैक्स
न
लगे।
5-
सरकार
की
आय
के
लिए
सिंगल
टैक्स
सिस्टम
होना
चाहिए
जो
सीधे
बैंकिंग
सिस्टम
पर
लगे,
जिसे
बैंकिंग
ट्रांजैक्शन
टैक्स
भी
कहा
जा
सकता
है।
इसकी
सीमा
2
फीसदी
से
0.7
फीसदी
तक
हो
सकती
है।
यह
टैक्स
सिर्फ
क्रेडिट
अमाउंट
पर
लगाए
जाने
का
प्रस्ताव
दिया
गया
था।