स्कूलों में सरकारी किताबों का वितरण, पहली बार प्राइवेट स्कूलों में सस्ती किताबें
आंध्र प्रदेश सरकार 26 जिलों में 5.4 करोड़ किताबें बांटेगी। सरकार पहली बार निजी स्कूलों में किताबें बांटेगी। 3.7 करोड़ किताबें सरकारी स्कूलों, जबकि 1.7 करोड़ किताबें प्राइवेट स्कूलों में बांटी जाएंगी।
विजयवाड़ा, 11 जुलाई : आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार पहले सेमेस्टर के लिए सरकारी और निजी स्कूलों में 5.4 करोड़ किताबों को वितरित करने की स्कीम (andhra pradesh govt textbook) पर काम कर रही है। सिलेबस पर आधारित कुल 3.7 करोड़ किताबें कक्षा कक्षा एक से दसवीं तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों को बांटी जाएंगी। हालांकि, कक्षा आठ में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू होना है। इसलिए इस क्लास में किताबें नहीं बांटी जाएंगी।
सरकार के मुताबिक 3 करोड़ पाठ्यपुस्तकें सरकारी स्कूलों में भेजी जा चुकी हैं। वितरण 5 जुलाई के दिन शुरू हुआ। अधिकांश पाठ्यपुस्तकें अंग्रेजी में हैं। द्विभाषी पुस्तकें भी हैं। सभी सेमेस्टर में सरकारी स्कूलों के छात्रों को बांटने के लिए कुल 4.8 करोड़ पाठ्यपुस्तकों की जरूरत है। ऐसे में करीब 1.1 करोड़ पुस्तकों को अगले सेमेस्टर में बांटा जाएगा।
आठवीं कक्षा में सीबीएसई पाठ्यक्रम के आधार पर किताबें बांटी जाएंगी, ताकि ऐसे छात्र 2025 में दसवीं कक्षा के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं लिख सकें। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सिलेबस में कुछ बदलाव किए हैं।
पहली
बार
निजी
स्कूलों
में
सरकारी
किताबें
आंध्र
प्रदेश
में
पाठ्यपुस्तकों
के
निदेशक
के
रवींद्रनाथ
रेड्डी
के
मुताबिक
15
जुलाई
तक
छात्रों
को
शत-प्रतिशत
किताबें
मिल
जाएंगी।
26
जिलों
के
निजी
स्कूलों
में
सरकार
ने
पहली
बार
कम
दामों
पर
पाठ्यपुस्तकें
उपलब्ध
कराने
की
व्यवस्था
की
है।
निजी
स्कूलों
के
लिए
कुल
1.37
करोड़
पाठ्यपुस्तकों
की
जरूरत
होगी।
एक
करोड़
किताबें
भेजी
जा
चुकी
हैं।
इनका
वितरण
मंडल
शिक्षा
अधिकारियों
के
कार्यालयों
के
माध्यम
से
होगा।
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