आंध्र प्रदेश: सरकार ने स्कूल बैग नीति-2020 को लागू करने का लिया फैसला, छात्रों का बस्ता होगा हल्का
आंध्र प्रदेश: सरकार ने स्कूल बैग नीति-2020 को लागू करने का लिया फैसला, छात्रों का बस्ता होगा हल्का
विजयवाड़ा, 23 अगस्त: स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल बैग नीति-2020 को चालू (2022-23) शैक्षणिक वर्ष से लागू करने का फैसला कर लिया है। सभी सरकारी, निजी और कॉर्पोरेट स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को 'स्कूल बैग नीति-2020' को ध्यान में रखते हुए समय सारिणी तैयार करने को कहा गया है। और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि छात्र राष्ट्रीय शिक्षा में अनुशंसित न्यूनतम वजन वाला स्कूल बैग ही लेकर ले आएं। विभाग का मानना है कि इस फैसले से छात्रों को पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने में मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें स्कूल के भारी बस्ते से होने वाली पीठ दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी।
कई रिसर्च से पता चला है कि बच्चे के शरीर के वजन से 10 प्रतिशत अधिक वजन वाले स्कूल बैग ले जाने से उनकी पीठ के निचले हिस्से, कंधों और हाथों में दर्द हो सकता है।
स्कूल शिक्षा आयुक्त एस सुरेश कुमार ने राज्य भर के सभी स्कूलों में 'स्कूल बैग नीति-2020' लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयुक्त ने कहा कि परियोजना कार्य सीखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए छात्रों को अपनी सभी किताबें स्कूल ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। कक्षा 1 और 2 के छात्रों को कोई गृहकार्य नहीं दिया जाना चाहिए। कक्षा 3 से 5 तक के लिए, कार्यपुस्तिका पाठ्यचर्या आधारित होनी चाहिए।
कक्षा 6 से 10 के लिए गृहकार्य इस तरह दिया जाना चाहिए कि छात्रों के लिए प्रतिदिन बहुत अधिक किताबें ले जाना बोझ न बन जाए। एपी मॉडल स्कूल की गणित की शिक्षिका पंगुलुरी अंजनी कुमारी ने कहा कि भारी स्कूल बैग छात्रों के लिए एक गंभीर खतरा हैं। इसके अलावा, जो स्कूल बहुमंजिला इमारतों में चल रहे हैं, वहां बच्चों को भारी स्कूल बैग के साथ सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों को प्रत्येक तिमाही के लिए चार भागों में विभाजित किया जाना चाहिए। छात्रों को केवल विशेष तिमाही के लिए पाठ वाली किताबें ले जाने की जरूरत है।