अमृतसर हादसे में बड़ा खुलासा: दशहरा कमेटी ने लेटर जारी कर बताया मिली थी आयोजन को NOC
अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दैरान हुए ट्रेन हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जिसमें एक सवाल यह भी है कि पटरी किनारे इतने बड़े आयोजन की इजाजत किसने दी और आयोजन समिति द्वारा अनुमति ली गई थी या नहीं? इसी बीच दरशहरा कमेटी की ओर से दो लेटर सामने आए हैं जिसमें एक में पुलिस को पत्र लिखा गया है तो दूसरे में एनओसी दिखाया गया है। दशहर समिति ने यह लेटर जारी करते हुए कहा है कि रेलवे ट्रैक के पास आयोजन की अनुमति मिली थी।
|
एएसआई ने दी एनओसी
पहले लेटर में दशहरा समिति के लोगों ने अमृतसर के गोल्डेन अवेन्यू पर धोबी घाट में लगने वाले मेले में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को दिया गया आवेदन है। जबकि दूसरे वाले पत्र में एएसआई दलजीत सिंह की ओर से दिया गया जवाब है जिसमें लिखा है कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं है। लेटर सामने आने के बाद अब यह तो साफ हो गया है कि आयोजन समिति को एनओसी दिया गया था।
रेलवे को नहीं थी जानकारी
बता दें कि घटना के बाद रेलवे ने पहले ही कह दिया है कि उसे ना तो इस आयोजन के संबंध में कोई जानकारी थी और ना ही आयोजन समिति की ओर से कोई सूचना मिली थी। इस हादसे में अब तक 61 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 70 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद ट्रेन ड्राइवर को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं।
ट्रेन ड्राइवर से हो रही पूछताछ
घटना के बाद ट्रेन ड्राइवर को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ हो रही है। ड्राइवर ने कई सवालों का जवाब भी दिया है। ड्राइवर ने बताया कि घटना के तुरंत बाद ट्रेन को इसलिए नहीं रोकी गई क्योंकि लोग पत्थर मारने लगे थे ऐसे में यात्रियों की जान को खतरा हो गया था। इसके अलावा ड्राइवर ने यह बताया है कि उसने हार्न दिया था। धुआं होने की वजह से भीड़ दूर से दिखाई नहीं दी।
यह भी पढ़ें- अमृतसर ट्रेन हादसे के बाद ड्राइवर बोला- अगर ऐसा करता तो यात्रियों की भी जान चली जाती
यह भी पढ़ें-अमृतसर ट्रेन हादसा: चीख पुकार की दर्दनाक आवाजों के बीच एक साथ जलाई गईं 20 चिताएं