अमृतसर ट्रेन हादसे के बाद ड्राइवर बोला- अगर ऐसा करता तो यात्रियों की भी जान चली जाती
अमृतसर। दशहरे के दिन अमृतसर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में 61 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 70 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस हादसे ने कई सारे सवाल खड़े किए हैं। इसमें से एक सवाल ये भी है कि हादसे के बाद ट्रेन ड्राइवर ने ट्रेन क्यों नहीं रोकी? इस सवाल का जवाब ट्रेन के ड्राइवर ने ही दिया है। ड्राइवर ने कहा कि अगर वो ट्रेन हादसे वाली जगह पर रोक दिया होता तो यात्रियों के जान को खतरा हो जाता। पुलिस हिरासत में लिए गए ड्राइवर ने कहा कि हादसे के बाद लोग ट्रेन पर पथराव करने लगे थे इसलिए उसने हादसे वाली जगह पर ट्रेन नहीं रोकी।
गेटनमैन और स्टेशन मास्टर क्या कर रहे थे?
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों गेटमैन और स्टेशन मास्टर को भी जिम्मेदार ठहराया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 6 साल यहां रावण जलाया जाता है। ऐसे में इस बात की जानकारी गेटमैन को भी थी और वहां से गुजरने वाली ट्रेन के ड्राइवरों को भी जरूर रही होगी। इसके बाद भी हादसे में इतने लोगों की जान चली गई। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि गेटमैन को जान ही रहा था कि यहां रावण दहन है और भीड़ जुटी हुई है।
हॉट लाइन से बात क्यों नहीं किया गेटमैन ने?
गेटमैन की जिम्मेदारी पर लोग इसलिए भी सवाल उठा रहे हैं क्योंकि उसके बाद एक मैग्नेटो फोन (हॉट लाइन) होता है जिसकी मदद से वो स्टेशन मास्टर से बात कर सकता था और बता सकता था कि यहां पर रावण दहन का कार्यक्रम है और भीड़ जुटी हुई है। लेकिन गेटमैन ने ऐसा नहीं किया और लोग पटरी पर खड़े होकर सेल्फी लेते रहे। अगर गेटमैन स्टेशन मास्टर को बताया होता तो ट्रेनों की रफ्तार कम की जा सकती थी। जिसके बाद शायद हादसा टल सकता था।
ट्रेन के ड्राइवर पर भी उठे सवाल
हादसे के बाद ट्रेन ड्राइवर पर कई तरह से सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि जितनी गलती गेटमैन और स्टेशनमास्टर की है उतनी ही गलती ट्रेन के ड्राइवर की भी है। लोगों का कहना है कि यात्री ट्रेन चलाने वाले ड्राइवरों के पास कम से कम 8-10 साल का अनुभव होता है। ऐसे में इन ट्रेन ड्राइवरों को पता था कि इस स्थान पर दशहरे का मेला लगता है और भीड़ इकट्ठा होती है। वहीं रेलवे के नियमों के अनुसार रेलवे ट्रैक पर किसी तरह की बाधा, इंसान या फिर जानवर आदि नजर आते हैं तो ड्राइवर को गाड़ी धीरे कर देनी चाहिए या फिर समय है तो रोक भी देनी चाहिए। इसके बाद इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को देनी चाहिए। लेकिन यहां पर दोनों ट्रेनों के ड्राइवरों ने इन नियमों का पालन नहीं किया।