अमित शाह बने भारतीय जतना पार्टी के नये अध्यक्ष
ऐलान से पहले राजनाथ ने केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में अपना इस्तीफा दिया। अध्यक्ष चुने जाने के बाद मोदी के भरोसेमंद अमित शाह पर पार्टी का भरोसा बढ़ गया है। अब एक बार फिर भाजपा अमित शाह पर भरोसा जताते हुए उनके कंधों पर विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी डालना चाहती थी। इसी के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अमित शाह को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया।
कालेज की राजनीति से गृहमंत्री बनने तक
राजनीतिक सक्रियता की शुरुआत उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर की थी। 1964 में एक कारोबारी परिवार में जन्मे अमित शाह ने बीएससी करने के बाद कुछ दिन स्टॉकब्रोकर का काम भी किया था। अमित शाह ने 1997 से लगातार पांच बार गुजरात विधानसभा के लिए चुने गये। मोदी ने 2003 में अमित शाह को गुजरात का गृहराज्यमंत्री बनाया।
डेढ़ साल के लिए बनेंगे अध्यक्ष!
प्रधानमंत्री मोदी के बेहद करीबी कहे जाने वाले अमित शाह के नाम पर आरएसएस ने भी मुहर लगा दी है। अमित शाह का कार्यकाल डेढ़ साल के लिए हो सकता है। हांलाकि जेपी नेड्डा और ओ.पी.माथुर जैसे दिग्गजों का नाम भी था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आज जब संसदीय दल की बैठक होगी तो सिर्फ अमित शाह का नाम सामने होगा।
बीजेपी को यूपी में दिलाई 71 सीटें
अमित शाह ने अपने सांगठनिक कौशल से सुस्त पड़े पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंक दी। उन्होंने हर गांव तक मोदी की लहर पहुंचाकर सामाजिक समीकरणों की स्थापित दीवारों को तोड़ दिया। पिछले दो लोकसभा चुनावों में दस सीटों पर अटकी बीजेपी को यूपी में इस बार 71 सीटें मिली हैं।
अमित शाह पर लगा कई बार ग्रहण
25 जुलाई 2010 को अमित शाह इस मामले में गिरफ्तार भी हुए और उन्हें तीन महीने तक साबरमती जेल में रहना पड़ा। उन्हें जमानत तो मिल गई लेकिन गुजरात जाने पर अदालत ने प्रतिबंध लगा दिया। 26 नवंबर 2005 को गांधीनगर के पास हुए सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले ने अमित शाह पर ग्रहण लगा दिया। इस मामले में सीबीआई ने अमित शाह और गुजरात के कई पुलिस अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। सितंबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने यह पाबंदी हटा दीए लेकिन केस को मुंबई ट्रांसफर कर दिया। बहरहाल अमित शाह खुद को निर्दोष बताते हैं।